Martyr Surendra Kumar: राजस्थान के झुंझुनू जिले के निवासी वायुसेना के असिस्टेंट मेडिकल सार्जेंट सुरेंद्र कुमार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तानी हमले में शहीद हो गए. शहीद सुरेंद्र कुमार (Martyr Surendra Kumar) की शहादत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.
शहीद का पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव मेहरादासी पहुंचा तो हर आंख नम थी और हर जुबान पर था – “भारत माता की जय” और “सुरेन्द्र कुमार अमर रहे”. दिल्ली से सड़क मार्ग से लाए गए पार्थिव शरीर पर लोगों ने पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि दी.
पिता की मौत का लूंगी बदला

शहीद सुरेंद्र कुमार (Martyr Surendra Kumar) की पत्नी सीमा का करुण क्रंदन देख लोगों का दिल पिघल गया. वह अपने पति के गाल थपथपाकर उन्हें जगाने की कोशिश करती रही। चेहरे से प्लास्टिक हटाने की जद्दोजहद ने माहौल को और भी भावुक कर दिया. बच्चे भी पिता के शव से लिपटकर रोते रहे.
शहीद की 11 साल की बेटी वृत्तिका ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, “मैं बड़ी होकर अपने पिता की तरह देश की सेवा करूंगी. उनकी मौत का बदला जरूर लूंगी। पाकिस्तान का पूरी तरह से नाश होना चाहिए।” उनके इस संकल्प ने हर भारतीय के दिल को छू लिया।
आई लव यू कह फफक-फफककर रोई
जब भी तिरंगा लहराता है शान से,
हर शहीद मुस्कुराता है आसमान से।भारत की रक्षा में मरना,जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है।
“पाकिस्तानी हमले में शहीद हुए झुंझुनूं के एयरफोर्स जवान सुरेंद्र कुमार जी को उनकी पत्नी ने अंतिम विदाई दी।”
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— Rajendra Dhirajpura (@RajendraBurdak_) May 11, 2025
वह अपने पति शहीद सुरेंद्र कुमार (Martyr Surendra Kumar) के सिर को सहलाती रहीं, उनके गालों को पकड़ कर उन्हें उठने के लिए कहती रहीं. इतना ही नहीं, वह शहीद सुरेंद्र कुमार के चेहरे पर लगाई गई प्लास्टिक को भी फाड़ती नजर आईं. करीब ढाई मिनट की कोशिश के बाद वह बेहोश हो गई. जिसके बाद वीरांगना सीमा को वापस घर के अंदर ले जाया गया. यह पल भावुक करने वाला था.
इसके बाद जब शहीद सुरेंद्र कुमार (Martyr Surendra Kumar) की पत्नी सीमा को दोबारा अंतिम दर्शन के लिए लाया गया तो शहीद वीरांगना सीमा ने एक वीर नारी की तरह अपने शहीद पति को सैल्यूट कर और जय हिंद कहकर अंतिम विदाई दी. वीरांगना सीमा ने पहले अपने शहीद पति को दो बार आई लव यू कहा।
प्लीज एक बार उठ जाओ
वीरांगना सीमा एक बार फिर अपने शहीद सुरेंद्र कुमार (Martyr Surendra Kumar) पति की एक झलक पाने के लिए हाथ जोड़ती नजर आईं। बार-बार आग्रह करने पर शव वाला बक्सा एक बार फिर खोला गया. उसके बाद भी वीरांगना सीमा अपने शहीद पति से कहती रहीं कि कम से कम एक बार तो उठ जाओ।
यह कहते-कहते वीरांगना सीमा फिर बेहोश हो गईं. उन्हें ले जाया गया. अंतिम संस्कार से पहले, उसके दौरान और बाद में वीरांगना सीमा की तबीयत बार-बार बिगड़ती रही।