Overcoming Sorrows, Cherishing The Memories Of Her Mother, Ankita Chaudhary Got 14Th Rank In Upsc

Ankita Chaudhary: मां का साया उठने के बाद ज़िंदगी जैसे ठहर सी गई थी, लेकिन इस बेटी अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) ने हिम्मत नहीं हारी। ग़मों के साए में भी अपने सपनों की उड़ान को जारी रखा। कठिन हालातों के बावजूद, उसने UPSC जैसी कठिन परीक्षा में न केवल सफलता हासिल की, बल्कि 14वीं रैंक पाकर IAS बनने का सपना भी पूरा किया। यह कहानी है जज़्बे, मेहनत और अपने सपनों के लिए अडिग रहने की।

Ankita Chaudhary ने कड़ी मेहनत से पाई UPSC में 14वीं रैंक

मां का साया खोने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, बेटी ने गमों के बीच पाई Upsc में 14वीं रैंक, बनीं Ias ऑफिसर 
Ankita Chaudhary

अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) ने जब अपने पिता की बात सुनी, तो हार मानने का विचार त्याग दिया और पूरे जोश के साथ 2018 में फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार उनकी कड़ी मेहनत ने रंग लाया, और उन्होंने 14वीं रैंक हासिल कर अपने आईएएस बनने का सपना पूरा किया। अपनी इस सफलता के जरिए अंकिता ने न केवल अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि अपनी दिवंगत मां को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन की चुनौतियों को पार करके, दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

आईएएस बनने के बाद अंकिता को मिला सुख

मां का साया खोने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, बेटी ने गमों के बीच पाई Upsc में 14वीं रैंक, बनीं Ias ऑफिसर 
Ankita Chaudhary

यूपीएससी परीक्षा में उनका ऑप्शनल विषय पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन था। आईएएस अधिकारी बनने के बाद अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) ने समाज में न केवल उच्च प्रतिष्ठा अर्जित की, बल्कि उन्हें उत्कृष्ट वेतन और कई सुविधाएं भी प्राप्त हुईं। बेसिक सैलरी के अलावा, उन्हें डियरनेस अलाउंस, हाउस रेंट अलाउंस, मेडिकल अलाउंस जैसी कई सुविधाओं का लाभ मिला। इसके साथ ही, सरकारी आवास, गाड़ी, ड्राइवर, और अन्य विशेषाधिकार भी उनके पद के साथ जुड़े। उनकी इस सफलता ने न केवल उनके जीवन को एक नया मोड़ दिया, बल्कि उनके संघर्षों को भी सार्थक बना दिया।

संकल्प, मेहनत और प्रेरणा की मिसाल

मां का साया खोने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, बेटी ने गमों के बीच पाई Upsc में 14वीं रैंक, बनीं Ias ऑफिसर 
Ankita Chaudhary

अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) ट्विटर पर काफी सक्रिय रहती हैं और वहां अपने अनुभवों को साझा कर लोगों को प्रेरित करती हैं। उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि यदि सही मार्गदर्शन और कठोर परिश्रम किया जाए, तो जीवन की सबसे बड़ी चुनौतियों को भी पार किया जा सकता है। अंकिता की प्रेरणादायक यात्रा यह सिखाती है कि मुश्किलें केवल क्षणिक होती हैं, और सफलता की ऊँचाइयों को छूने के लिए दृढ़ संकल्प और अथक मेहनत की आवश्यकता होती है। उनका जीवन हर उस व्यक्ति के लिए एक उदाहरण है, जो अपने सपनों को साकार करने का हौसला रखता है।

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