Pakistani-Armys-Secret-Exposed-The-Maulvi-Who-Used-To-Offer-Namaaz-Turned-Out-To-Be-A-Dreaded-Terrorist
Pakistani Army

Pakistani army: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 6 मई की रात को पाकिस्तान के नौ इलाकों में मिसाइलें दागी. इनमें मुरीदके में आतंकी ढांचा भी शामिल है. हमले के बाद मुरीदके में मारे गए आतंकियों के जनाजे की नमाज हाफिज अब्दुल रऊफ ने पढ़ाई, जो एक घोषित आतंकी है.

पाकिस्तान चाहे जितना भी छिपाने की कोशिश करे, लेकिन आतंकवादियों की पनाहगाह होने का उसका राज बार-बार दुनिया के सामने उजागर होता रहता है. हालाँकि, अब एक वीडियो सामने आया है जो पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) के झूठ को उजागर करता है.

जनाजे की नमाज में दिखा आतंकवादी

पाकिस्तान के डीजी आईएसपीआर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और दावा किया कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी को पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) के जवानों के साथ अंतिम संस्कार में शामिल होने वाली वायरल तस्वीर को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है.

अब्दुल रऊफ शेयर किए गए इस वीडियो मुसलमानों से एकजुट होने की बात कह रहा है. मुस्लिमों को संबोधित करते हुए वह कह रहा है, ‘अमेरिका कितना ताकतवर है, हमने देख लिया है. रूस के सूरमाओं को भी हमने अफगानिस्तान से भागते देखा है. हमने 1965 में भारत की हालत खराब देखी है. हमने अपने दो मुजाहिदों को कश्मीर में दो हजार से लड़ते हुए देखा

है. हमारे लड़ाकों ने श्रीनगर के सेना हेडक्वार्टर तक धावा बोला है. हमने वो भी देखा कि हमारे मुजाहिदों ने श्रीनगर में भारतीय सेना के हेडक्वार्टर में जाकर फोन किया और कहा कि तुम कहते थे यहां चिड़िया पर नहीं मारती और मैं यहां बैठा हूं।’

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आईडी ने आतंकवादी का किया पर्दाफाश

Let Commander Hafiz Abdur Rauf
Let Commander Hafiz Abdur Rauf

डीजी आईएसपीआर ने अपने दावे को साबित करने के लिए अपना राष्ट्रीय पहचान पत्र भी साझा किया और कहा कि वह सिर्फ एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता हैं. लेकिन जांच से पता चला है कि इस आईडी कार्ड में उल्लिखित नाम, जन्मतिथि और यहां तक ​​कि राष्ट्रीय पहचान संख्या भी हाफिज अब्दुल रऊफ के समान ही है, जिसे अमेरिकी ट्रेजरी विभाग (ओएफएसी) द्वारा विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है.

Pakistani Army की खुली पोल

अमेरिकी ट्रेजरी नोट में कहा गया है कि लश्कर-ए-तैयबा को वित्तपोषित करने में हाफिज अब्दुल रऊफ और मियां अब्दुल्ला से अधिक महत्वपूर्ण भूमिका किसी की नहीं थी, लेकिन हाफिज के बारे में ऐसा स्पष्टीकरण देकर पाकिस्तानी सेना ने अनजाने में ही खुद ही एक वैश्विक आतंकवादी के साथ अपने संबंधों को स्वीकार कर लिया है.

पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) ने विश्व स्तर पर घोषित इस आतंकवादी को एक पारिवारिक व्यक्ति और मौलवी बताया और दुनिया से एक बार फिर झूठ बोलने की कोशिश की, लेकिन अनजाने में ही उसने खुद को बेनकाब कर लिया।

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