PM Kisan Yojana: मोदी 3.0 बनते ही सरकार ने सबसे पहले किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) की किस्त डालकर इशारा कर दिया था कि इस कार्य़काल में सरकार कृषकों और कृषि क्षेत्र के लिए कई बड़े काम करने वाली है। इसी बीच ये दावा किया जा रहा है कि सरकार किसानों के लिए बूस्टर साबित हो रही किसान सम्मान निधि की राशी बढ़ाकर किसानों को एक और बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। अगर ये दावे सच साबित होते हैं तो देश के करोड़ों किसानों का इसका सीधा फायदा होगा और उनके जीवन का स्तर भी बढ़ेगा।
किसानों को बजट में मिलेगा तोहफा
अपने इस तीसरे कार्य़काल में मोदी सरकार जुलाई के तीसरे हफ्ते में पूर्ण बजट पेश करने वाली है। इस बजट पर सभी वर्गों को निगाहें टिकी हुई हैं। सभी को आस है कि इस बजट में सरकार कुछ बड़े ऐलान कर आम जनता को कई तरह की राहत प्रदान कर सकती हैं। लेकिन सबसे ज्यादा इस बजट से उम्मीद लगाए बैठे हैं किसान, चूंकी किसानों की काफी लंबे समय से ये चाह रही है कि किसान सम्मान निधी (PM Kisan Yojana) में इजाफा किया जाए ऐसे में उन्हें अबकी बार सरकार से पूरी उम्मीद है कि सरकार बजट में उनको ये बंपर तोहफा जरूर देगी।
कृषि विशेषज्ञों ने वित्त मंत्री से की मुलाकात
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बजट पेश होने से पहले ही कुछ कृषि विशेषज्ञों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की है और उन्होंने वित्त मंत्री के सामने मांग रखी है कि किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) की राशि को बढ़ाया जाए जिससे की किसानों को और अधिक लाभ पहुंच सके। हालांकि अब ये मांग स्वीकार होगी या नहीं ये तो बजट पेश होने पर ही पता चल पाएगा। आधिकारिक रूप से भले ही इस मामले पर अभी वित्त मंत्रालय द्वारा कुछ ना कहा गया हो लेकिन मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो सरकार कृषि विशेषज्ञों की मांगे जरूर मान लेगी और इस बजट में किसानों को एक बड़ा तोहफा देते हुए किसान सम्मान निधि में जरूर इजाफा करेगी।
बढ़कर इतनी होगी पीएम किसान सम्मान निधि
अभी तक 12 करोड़ से ज्यादा किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं और प्रत्येक चार महीनों में सरकार द्वारा खातों में भेजी जा रही सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक किसानों को सालाना 6000 की सम्मान निधि दी जा रही है लेकिन मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक वित्त मंत्री से मिलने वाले कुछ कृषि विशेषज्ञों ने इस राशि को 2 हजार रुपए बढ़ाकर 8000 रुपए करने की गुहार लगाई है। इतना ही नहीं विशेषज्ञों ने सरकार से ये भी मांग की है कि इस बार के बजट में एग्री रीसर्च के लिए अलग से बजट आवंटित किया जाए।
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