Ram Mandir: यूपी के अयोध्या में स्थित राम मंदिर (Ram Mandir) आज फिर से चमक उठा है। एक बार फिर से सरयू नदी से लेकर राम मंदिर भव्य सजावट और मनमोहक झांकी नजर आ रही है। क्योंकि, आज का दिन भी राम मंदिर के लिए विशेष बन गया है। आज यानी पांच जून को विशेष अभिजीत मुहूर्त में पूरे विधि-विधान के साथ राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा की गई है। इसके लिए करीब 15 मिनट का शुभ मुहूर्त तय किया गया था।
राम मंदिर में हुई राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा
आज यानि 5 जून को दिन में 11:25 से 11:40 के बीच राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा हुई है। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर विशेष वैदिक मंत्रों से गूंजा हुआ था। जानकारी के मुताबिक अयोध्या और काशी के 101 आचार्य मंत्रोच्चार और अनुष्ठान के साथ प्राण प्रतिष्ठा कराई। अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरा देश इस खास पल का इंतजार कर रहा था। गंगा दशहरा के दिन इस सिद्ध योग में यह प्राण प्रतिष्ठा कराई है। इसी दिन रामेश्वरम का भी अभिषेक किया गया था।
आज आठ मंदिर समेत कई भगवान की हुई प्राण प्रतिष्ठा
इससे पहले सुबह छह बजे राम मंदिर (Ram Mandir) में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हुआ। यज्ञ मंडप में सभी देवताओं की पूजा की गई। 3 जून से 5 जून तक चले इस समारोह में राम जन्मभूमि के प्रथम तल पर राम दरबार के आठ मंदिरों, प्राचीर के छह मंदिरों, शिवलिंग, गणपति, हनुमान, सूर्य, भगवती और अन्नपूर्णा के साथ शेषावतार मंदिर में देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। राम मंदिर को खूबसूरत लाइटों से सजाया गया है। भगवान राम के दरबार में भगवान राम, माता सीता, परम भक्त हनुमान के साथ ही भगवान राम के तीनों भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की मूर्तियां भी विराजमान हैं।
यूपी के सीएम समेत कईं संत और धर्मगुरु रहे मौजूद
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी ने इस गरिमामय क्षण को और भी दिव्य बना दिया। मुख्यमंत्री ने राम मंदिर (Ram Mandir) में सभी देवताओं की मूर्तियों का अभिषेक किया। इसके बाद राम दरबार की मूर्ति से आवरण हटाया गया। इसके बाद प्राचीर में स्थित छह अन्य मंदिरों में भी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस दौरान अयोध्या के 19 संत और धर्मगुरु भी मौजूद रहे। इसके अलावा ट्रस्ट, संघ और विहिप के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इससे पहले सीएम ने हनुमानगढ़ी के दर्शन भी किए।
आज का दिन चुनने के पीछे थी खास वजह
राम मंदिर (Ram Mandir) में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के लिए गंगा दशहरा के दिन 15 मिनट का खास अभिजीत मुहूर्त चुना गया है। इसके पीछे वजह यह है कि मान्यता के अनुसार द्वापर युग में भगवान राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। इसलिए राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहूर्त में की गई।
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