Ratan Tata: मशहूर उद्योगपति, समाजसेवी और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) देश की अमीर होने के साथ ही दिल के भी बहुत बड़े धनी हैं। उन्होंने ना जानें कितने जरूरमंदों की मदद की हैं। इस वजह से उनके करोड़ों में चाहने वाले हैं। लेकिन हाल ही में उनकी तबियत बिगड़ने की वजह से उन्हें अस्ताल ले जाया गया। ये खबर सामवे आने के बाज मानों उनके चाहने वालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ है।
Ratan Tata की बिगड़ी तबियत
दरअसल, टाटा समूह के दिग्गज रतन टाटा (Ratan Tata) की अचानक तबीयत बिगड़ने की बात गलत निकली। उन्होंने खुद इन दावों का खंडन किया है। उन्होंने अपने आईसीयू में भर्ती होने के दावों को अफवाह करार दिया है। ICU में भर्ती होने के दावों का खुद खंडन करते हुए रतन टाटा ने कहा, ‘मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में फैल रहीं अफवाहों से अवगत हूं। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। मैं फिलहाल अपनी उम्र और सेहत संबंधी जरूरी चिकित्सा जांच करवा रहा हूं। चिंता का कोई बात नहीं है। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। आपसे अनुरोध करता हूं कि जनता और मीडिया गलत सूचना फैलाने से बचें।’
Ratan Tata का करियर
28 दिसंबर, 1937 को बॉम्बे (अब मुंबई), भारत में जन्मे रतन टाटा (Ratan Tata), टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। वे 1990 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन रहे। रतन टाटा ग्रुप के चैरिटी ट्रस्ट्स के प्रमुख बने हुए हैं।
टाटा का करियर 1962 में शुरू हुआ जब वे टाटा ग्रुप में शामिल हुए। उन्होंने 1990 में चेयरमैन बनने से पहले ग्रुप में अलग-अलग पदों पर अपनी सेवाएं दीं। उनके कार्यकाल में, टाटा ग्रुप ने घरेलू और विदेशी दोनों ही लेवल पर शानदार ग्रोथ और विस्तार किया।
टाटा की खास उपलब्धि
टाटा की दूरदर्शिता और रणनीतिक सोच के जरिए ग्रुप टेलीकॉम, रिटेल और ऑटो जैसे नए सेक्टरों में दाखिल हुआ। टाटा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक 2008 में जगुआर लैंड रोवर को खरीदना था, जो टाटा ग्रुप के इतिहास में एक अहम पल था।
चैरिटी और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति रतन टाटा (Ratan Tata) के समर्पण ने उन्हें अनगिनत सम्मान दिलाए हैं, जिनमें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण और पद्म विभूषण भी शामिल हैं। अपने पूरे करियर के दौरान, रतन टाटा को उनके असाधारण लीडरशिप के लिए जाना जाता रहा है।