Sapna Rana : ‘कहते हैं कि अगर सपने पूरे करने है तो खुली आंखों से सपने देखने चाहिए’, बस इसी बात तो दिलों-जहान में रखने वाले ही कुछ कमाल कर दिखाते हैं. चाहे फिर वह लड़की ही क्यों ना हो. आज के समय में लड़कियां भी लड़कों से कम नहीं हैं. अगर उन्हें सही मार्गदर्शन और पूर्ण मूलभूत सुविधाएं मिल जाएं तो वह भी आसमान में उड़ सकती है. ऐसा ही कुछ हिमाचल प्रदेश की बेटी (Sapna Rana) ने किया है. उन्होंने सेना में भर्ती होकर ना सिर्फ अपने घर का बल्कि पूरे प्रदेश और देश का नाम ऊंचा किया हैं.
हिमाचल प्रदेश की सपना बनी सेना में कर्नल
जी हाँ हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश कि रहने वाली सपना राणा कि जिन्होंने पूरे देश सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. ये कहानी है हिमाचल प्रदेश के छोटे से गांव से निकली सपना राणा (Sapna Rana) की जो बचपन से ही अपने सपने को पूरा करने की ख्वाहिश रखती थी. सपना राणा बचपन से ही पढ़ाई से लेकर हर चीज़ में आगे रहती थी. सोलन जिले के अर्की उपमंडल के भवानीपुर गांव की बेटी कर्नल सपना राणा प्रदेश की पहली महिला कमांडिंग ऑफिसर बनी हैं.
कर्नल राणा भारत के उत्तर-पूर्व सेना सेवा कोर (एएससी) में बतौर बटालियन कमांडर अपनी सेवा दे रही हैं. सपना राणा (Sapna Rana) का जन्म बढलग (भवानीपुर) में अध्यापक राजेन्द्र ठाकुर और कृष्णा ठाकुर के घर 14 दिसंबर 1980 को हुआ.
शहर में किया बिजनेस मैनेजमेंट में पीजी
सैन्य उत्कृष्टता की ओर से सपना राणा (Sapna Rana) की उनके कॉलेज के दिनों की यात्रा शुरू हुई, जब उन्होंने सोलन में 1 एचपी गर्ल्स एनसीसी बटालियन में सीनियर अंडर ऑफिसर के रूप में काम किया. एक कैडेट के रूप में भी वह एक समर्पित और अनुशासित सैनिक थी. उस समय वह हिमाचल से एकमात्र एनसीसी की छात्रा थी. जिनका चयन विजय सेक्टर में प्रतिष्ठित कारगिल शिविर के लिए हुआ था.
पिता राजेन्द्र ठाकुर ने बताया कि सपना ने 10वीं तक की शिक्षा स्थानीय सरकारी स्कूल से प्राप्त की और उसके बाद 12वीं तक की शिक्षा सोलन के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय और स्नातक की शिक्षा के राजकीय महाविद्यालय सोलन से प्राप्त की. बिजनेस मैनेजमेंट में उन्होंने पीजी करने के लिए एचपी यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया.
सपना ने चेन्नई में रहकर ली सैन्य ट्रेनिंग
जब सपना राणा (Sapna Rana) बिजनेस मैनेजमेंट में एचपी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी, इसी दौरान सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) में चयनित होने के बाद, कर्नल राणा 2003 में चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में ट्रेनिंग ली. इसके बाद 2004 में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में अपना पद पाया था. सेना में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण उन्हें तीन बार सीओएएस और जनरल ऑफ़िसर कमांडिंग-इन-चीफ़ प्रशस्ति पत्र मिला है.
इसके अलावा उन्हें कई पदक भी प्राप्त हुए. अब सपना (Sapna Rana) को सेना में बटालियन के कमांड ऑफिसर के पद से नवाजा गया है. हिमाचल के सोलन जिले के भवानीपुर में जन्मी और पाली-बड़ी सपना आज लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं.
पढ़ाई के दौरान सपना ने चराए मवेशी
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मवेशियों की देखभाल और पैसे बचाने के लिए कॉलेज तक पैदल यात्रा करने वाली कर्नल सपना राणा की कहानी हजारो, लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं. सपना ने मवेशी को चराना, उनके लिए चारा काटना, भैंस का दूध निकालना जैसे काम किए है. जो गांव की बाकी लड़कियां करती थी. इतना ही नहीं, सपना राणा (Sapna Rana) पैसे बचाने के लिए कॉलेज तक पैदल जाती थी. उन्हें भारतीय सेना की सेना कोर में लेफ्टिनेंट का रैंक प्राप्त हुआ हैं. कमांडिंग ऑफिसर के पद पर कर्नल सपना राणा के परिवार और ससुराल में जश्न का माहौल है.
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