Anil Ambani: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अनिल अंबानी (Anil Ambani) के बेटे अनमोल अंबानी पर एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई अनमोल अंबानी द्वारा नियमों के उल्लंघन के आरोपों के कारण की गई है, जो भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता और विश्वास को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। SEBI की यह कार्रवाई उनके खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है, जिससे निवेशकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस जुर्माने के पीछे की वजह और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करना आवश्यक है।
Anil Ambani को अगस्त में शेयर बाजार से किया था बैन
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अनिल अंबानी और 24 अन्य व्यक्तियों पर रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड में फंड्स के हेरफेर के मामले में सख्त कार्रवाई की है। अगस्त 2024 में, SEBI ने उन्हें 5 साल के लिए सिक्यॉरिटीज मार्केट से बैन कर दिया था, और अनिल अंबानी (Anil Ambani) पर 25 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया गया था।SEBI की जांच में यह बात सामने आई कि 14 फरवरी 2019 को अनिल अंबानी ने (Anil Ambani) ने एक्यूरा प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड को 20 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया था।
यह कदम उनकी कंपनियों के बीच वित्तीय लेन-देन के संदर्भ में संदिग्ध गतिविधियों को उजागर करता है, जिससे निवेशकों के हितों को खतरा हो सकता है। इस कार्रवाई के माध्यम से SEBI ने निवेशकों के लिए बाजार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का अपना संकल्प दोहराया है।
SEBI का आदेश
सोमवार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक आदेश जारी करते हुए खुलासा किया कि अनमोल अंबानी, जो रिलायंस होम फाइनेंस के बोर्ड में शामिल हैं, ने जनरल-पर्पज लोन (GPCL) को मंजूरी दी थी। यह मंजूरी तब दी गई जब SEBI ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि बोर्ड के निदेशकों को बिना मंजूरी के किसी भी प्रकार के लोन को न देने की सलाह दी गई थी।
SEBI के अनुसार, 11 फरवरी 2019 को प्रबंधन को निर्देश दिया गया था कि किसी भी प्रकार के GPCL लोन को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। इसके बावजूद, 14 फरवरी 2019 को अनमोल अंबानी ने Accura Productions Private Limited को 20 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दे दी। इसके अतिरिक्त, SEBI ने यह भी बताया कि गोपालकृष्णन ने भी कई GPCL लोन को अप्रूव किया, जो नियमों का उल्लंघन दर्शाता है। इस प्रकार की गतिविधियों ने निवेशकों के विश्वास को प्रभावित किया है और SEBI ने इसे गंभीरता से लिया है।
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