14 साल से भारतीय वायुसेना की मेडिकल विंग में सेवा दे रहे सुरेन्द्र कुमार की शहादत की खबर मिलते ही पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।
झुंझुनू के लाल सुरेंद्र कुमार हुए शहीद
भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध में उधमपुर में शहीद हुए झुंझुनू के मेहरादासी निवासी वायुसेना के मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट सुरेन्द्र कुमार मोगा (Shaheed Surendra Kumar) की पत्नी एक दिन पहले ही उन्हें वहीं छोड़कर आई थीं। आते ही आज पति की शहादत की खबर आई। पति की शहादत की खबर मिलते ही सीमा बेहोश हो गईं।
परिजन उन्हें नवलगढ़ के जिला अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सकों ने उनका प्राथमिक उपचार किया। अब सीमा की तबीयत ठीक बताई जा रही है। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर सेक्टर में शनिवार सुबह पाकिस्तानी हमले में वायुसेना के जवान सुरेंद्र कुमार मोगा (Shaheed Surendra Kumar) शहीद हो गए।
आज किया जाएगा सुरेंद्र का अंतिम संस्कार
ऑपरेशन सिंदूर में वीरगति को प्राप्त हुए शहीद सुरेंद्र कुमार (Shaheed Surendra Kumar) का पार्थिव शरीर झुंझुनूं पहुंच गया है। झुंझुनूं जिला कलेक्टर रामावतार मीना और एसपी शरद चौधरी पार्थिव शरीर को लेकर मंडावा के मेहरादासी गांव के लिए रवाना हो गए हैं।
शहीद सुरेंद्र कुमार का अंतिम संस्कार दोपहर 12.30 से 1.30 बजे के बीच मेहरादासी गांव में किया जाएगा। तिरंगा यात्रा मंडावा से शुरू होगी। इसमें जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत समेत कई जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।
पिता भी दे चुके है इंडियन आर्मी में सेवा
8 सितंबर 1990 को जन्मे सुरेंद्र कुमार (Shaheed Surendra Kumar) करीब 14 साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता शिशुपाल सिंह सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त थे, जिनका निधन हो चुका है। उनकी मौत को 4 साल हो चुके हैं। कुछ दिन पहले ही वे गांव में नवनिर्मित मकान के गृह प्रवेश में शामिल हुए थे और 15 अप्रैल को परिवार के साथ ड्यूटी पर लौटे थे।
पत्नी सीमा गृहिणी हैं। उनकी एक 11 साल की बेटी वृत्तिका और 7 साल का बेटा दक्ष है। घर पर उनकी मां नानू देवी रहती हैं। सुरेन्द्र (Shaheed Surendra Kumar) अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था, उसकी 3 बड़ी बहनें हैं।
झुंझुनू के 27-28 जवान दे रहे हैं सेवा
झुंझुनू जिला कलेक्टर रामावतार मीना ने बताया कि मंडावा के मेहरादासी गांव निवासी सुरेन्द्र कुमार (Shaheed Surendra Kumar) पाकिस्तानी हमले में शहीद हुए हैं। झुंझुनू के 27 से 28 जवान सीमा पर पाकिस्तानी सेना से लड़ रहे हैं। उनके परिवारों की समस्याओं और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी अब जिला प्रशासन ने ले ली है।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर सैनिक परिवारों को कोई समस्या है या उनके लिए कोई व्यवस्था करनी है तो तुरंत करें। प्राथमिकता के आधार पर उनका ध्यान रखा जाए।
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