Sharmistha Panoli: सोशल मीडिया पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट के कारण विवादों में आईं कंटेंट क्रिएटर शर्मिष्ठा पनोली (Sharmistha Panoli) फिलहाल जेल में हैं। शर्मिष्ठा पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप है। हालांकि, उनकी गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सोशल मीडिया पर शर्मिष्ठा के समर्थन में कई लोग सामने आए हैं। तो चलिए आगे जानते हैं कि शर्मिष्ठा पनोली तो दोषी हैं, लेकिन क्या ये 4 टीएमसी नेता निर्दोष हैं?
जानें क्या है पूरा मामला?
#Watch: Sharmishta Panoli while leaving court after her production asks, “Is this democracy?”
She was earlier arrested by Kolkata Police from Gurgaon. pic.twitter.com/fAkcDSJkPG
— Pooja Mehta (@pooja_news) May 31, 2025
शर्मिष्ठा पनोली (Sharmistha Panoli) ने एक वीडियो शेयर कर ऑपरेशन सिंदूर पर बॉलीवुड की चुप्पी पर सवाल उठाया था.इस दौरान शर्मिष्ठा ने एक समुदाय विशेष को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था. इतना ही नहीं, उन्होंने अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया था. इसके बाद 15 मई को गार्डेनरिच थाने में शर्मिष्ठा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी. शर्मिष्ठा की कड़ी आलोचना हुई थी. इसके बाद शर्मिष्ठा ने न सिर्फ़ वीडियो हटा दिया था, बल्कि सार्वजनिक तौर पर माफ़ी भी मांगी थी, लेकिन उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था. सोशल मीडिया पर हर कोई शर्मिष्ठा पनोली की चर्चा कर रहा है।
Also Read…फाइनल से बाहर होने के बाद भी मुंबई की हुई बल्ले-बल्ले, BCCI से मिली इतनी बड़ी रकम!
क्या जेल से बाहर आएंगी Sharmistha Panoli

इन सबके बीच कंटेंट क्रिएटर शर्मिष्ठा पनोली (Sharmistha Panoli) को जेल से बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है। शर्मिष्ठा पनोली के मोहम्मद समीमुद्दीन ने कहा कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि 13 जून से पहले उन्हें जेल से बाहर निकाल लिया जाए। हम आज बैठकर इस मामले पर चर्चा करेंगे। हम एक-दो दिन में तय करेंगे कि क्या करना है। अलीपुर महिला सुधार गृह में शर्मिष्ठा पनोली की तबीयत ठीक नहीं है.
शर्मिष्ठा के वकील ने बताया कि उसे किडनी में पथरी है. उसे अखबार और पत्रिकाएँ पढ़ने की अनुमति नहीं है. आज हमने कोर्ट में याचिका दायर की है ताकि उसे उसके मूल अधिकार मिल सकें. शर्मिष्ठा निर्दोष है. हम उसे जमानत पर बाहर निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
टीएमसी के ये चार नेता दूध से धुले
बीजेपी और दूसरे नेताओं ने इसे चुनिंदा कार्रवाई बताया है। उन्होंने टीएमसी के उन नेताओं पर भी सवाल उठाए हैं जिनके बयान शर्मिष्ठा पनोली (Sharmistha Panoli) से ज़्यादा विवादित थे, लेकिन उनके खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अगर शर्मिष्ठा को खलनायक माना जाता है, तो इन टीएमसी नेताओं को किस श्रेणी में रखा जाए? वैसे भी लोगों की भावनाओं से खेलने वाले टीएमसी नेताओं की लिस्ट बहुत लंबी है। ऐसे कई नेता हैं जो समय-समय पर विवादित बयान देते रहे हैं. जैसे महुआ मोइत्रा, सायोनी घोष, हुमायूं कबीर और मदन मित्र जैसे नेता ने भी बयान दिया था भगवान परशुराम बीफ के बिना नहीं खाते थे.
Also Read…विराट कोहली की मुश्किलें बढ़ीं, IPL 2025 फाइनल से पहले दर्ज हुआ केस, जानें क्या है मामला