Shoe Case : एक जोड़ी जूते के लिए भला कोई कोर्ट कैसे जा सकता है। बड़ी महफ़िल में से जूते चोरी होने का मामला आम होता है। लेकिन ऐसा एक मामला आया जो कोर्ट तक पहुंच गया। एक जोड़ी जूते के मालिकाना हक की लड़ाई कोर्ट तक फ्हुंच गई।
एक कवि का दावा है कि जूते (Shoe Case) उसके हैं जबकि एक राजनेता का कहना है कि वह जूते उसके है। अब अदालत तय करेगी कि ये जूते किसके हैं।
325 रुपए के जूतों के लिए कोर्ट में पहुंचे दो लोग
दरअसल दोनों पक्ष 325 रुपये के जूते (Shoe Case) के लिए कोर्ट तक पहुंच गए थे। इतना ही नहीं ये केस 7 सालों से चल रहा है जहां दोनों व्यक्ति अब तक हज़ारों रुपये खर्च कर चुके हैं। क्योंकि यह मामला अब उनकी इज्जत का सवाल बन गया है।
दोनों पिछले सात सालों से जूतों के लिए मुकदमा लड़ रहे हैं। कोर्ट ने दोनों को बुलाकर मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन मामला सुलझने के बजाय और उलझ गया।
7 सालों से जूतों के केस का चल रहा मामला
मामला और उलझने पर मनोरंजन साहा ने स्थानीय अदालत में मुकदमा दायर कर दिया और यह मामला पिछले सात सालों से लंबित है। इस मामले में दोषियों को जुर्माना या कारावास या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
दूसरी ओर कवि मनोरंजन साहा के वकील पिनाकी रॉय ने कहा कि अगर उनके मुवक्किल जीत जाते हैं, तो उन्हें मुआवज़ा मिल सकता है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
मामला आज का नहीं बल्कि 23 अगस्त 2015 का है। जहां पश्चिम बंगाल में बर्दवान ज़िले के कालना स्थित गोपालबाड़ी में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर उपप्रधान सिद्धेश्वर आचार्य और कवि मनोरंजन साहा भी उपस्थित थे। सम्मेलन समाप्त होने के बाद, मनोरंजन ने देखा कि उनके जूते गायब हैं। उन्हें नंगे पैर घर चलना पड़ा।
रास्ते भर उन्हें अपने जूते चोरी होने का पछतावा होता रहा, क्योंकि हाल ही में उन्होंने नादिया की एक दुकान से 325 रुपये में जूते खरीदे थे। इस घटना के दो दिन बाद, जब उन्होंने कालना पुराने बस स्टैंड पर सिद्धेश्वर को वही जूते (Shoe Case) पहने देखा, तो वे खुद को रोक नहीं पाए।
जूतों पर कवि और नेता की हुई लड़ाई
जूतों (Shoe Case) को लेकर कवि और सिद्देश्वर दोनों के बीच तीखी बहस हुई। स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। मनोरंजन ने कहा कि सिद्धेश्वर ने जो जूते पहने थे, वे उनके थे। लेकिन सिद्धेश्वर यह मानने को तैयार नहीं थे। बाद में कवि ने सोशल मीडिया पर एक कविता पोस्ट करते हुए लिखा- “कवि के जूते चोरी हो गए/ चोर दे रहा है जूते हजारों/ चौराहे पर चर्चा चल रही है। नेता जी जूता चोर बन गए हैं।” उनकी यह कविता वायरल हो गई। इससे नाराज नेताजी (सिद्धेश्वर) ने कवि के खिलाफ कालना थाने में शिकायत दर्ज कराई।
आज तक कोर्ट में जूतों का मामला है विचाराधीन
दूसरी ओर कवि भी अपने जूते (Shoe Case) वापस मांगने थाने पहुंच गए। पुलिस ने दोनों को बुलाकर मामला सुलझाने की कोशिश की। लेकिन दोनों समझौता करने को तैयार नहीं हुए। वे दोनों अपनी जिद पर अड़े रहे। कोई हल ना निकलता देख पुलिस ने दोनों को कोर्ट जाने की सलाह दी। इसके बाद दोनों कोर्ट पहुंचे और एक-दूसरे के खिलाफ केस दर्ज कराया। कई साल बीत गए, जूतों को लेकर मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है।
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