Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) में हुई आतंकी घटना की पूरे देश में निंदा हो रही है. मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, उनसे उनका धर्म पूछा और उनकी हत्या कर दी. इस आतंकी घटना में अब तक करीब 26 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, बड़ी संख्या में लोग घायल भी हैं.
अब इस (Terror Attack) घटना से जुड़ी एक खौफनाक कहानी सामने आई है. कानपुर के शुभम की इस हमले में मौत हो गई. शादी को दो महीने ही हुए थे और शुभम की पत्नी की खुशियां उजड़ गईं.
फूट-फूट कर रो रहा पूरा परिवार
पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) में शहीद हुए शुभम द्विवेदी के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक शुभम कानपुर के महाराजपुर के रघुवीर नगर हाथीपुर गांव का रहने वाला था. शुभम और उसकी पत्नी ईशान्या अपनी ससुराल कश्मीर गए थे. सास-ससुर अपने होटल में थे, लेकिन ये दोनों घुड़सवारी के लिए निकले थे, उसी वक़्त ये हमला हुआ. यह जानकर दिल दहला कि इसी साल फरवरी में उनकी शादी हुई थी, लेकिन आतंकवादियों ने उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी.
कलमा पढ़ने को कहा
पहलगाम अटैक (Pahalgam Terror Attack) में शुभम को उसकी पत्नी शान्या के सामने गोली मारी गई. पति को मरता देख वह चिल्लाने लगी कि अब मैं जीकर क्या करूंगी, मुझे भी मार दो. आतंकियों ने उससे कहा कि तुम लोगों ने मोदी को बहुत महत्व दे दिया है. हम तुम्हें गोली नहीं मारेंगे, तुम जाकर सरकार को बताओ.
इतना ही नहीं, आतंकियों ने शुभम से कलमा पढ़ने को कहा. उन्होंने कहा कि अगर वह कलमा पढ़ेगा तो वे उसे छोड़ देंगे. लेकिन शुभम अपने हिंदू धर्म के मार्ग पर अडिग रहा और उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया, तो आतंकवादियों ने उसके सिर में गोली मार दी.
कौन हैं शुभम?
Terrorist opened fire after ascertaining his identity, says Shubham’s cousin Saurabh Dwivedi. pic.twitter.com/8xTLmG5vqu
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) April 22, 2025
शुभम के पिता संजय द्विवेदी सीमेंट व्यवसायी हैं. शुभम अपनी पत्नी के साथ जम्मू-कश्मीर पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) गए थे. दोनों को आज यानी बुधवार को लौटना था. उससे पहले मंगलवार को शुभम का निशाना बन गए. शुभम की मौत की खबर जैसे ही कानपुर स्थित उसके घर पहुंची, वहां कोहराम मच गया.
परिजनों की मांग है कि सरकार आतंकियों से उसी तरह बदला ले, जिस तरह उन्होंने हमारे शुभम की हत्या की है. उन्होंने शुभम के शव को जल्द से जल्द घर भेजने का अनुरोध किया है. परिवार वालों का कहना है कि पहलगाम में 10 लोग मौजूद हैं.
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