Jagannath Rath Yatra: हाथरस में एक सत्संग में भगदड़ के कारण हुई 121 लोगों की मौत के बाद अब कुछ ऐसी ही एक घटना ओडिशा के पुरी से सामने आ रही है। विश्व स्तर पर सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों के रूप में जाने जानी वाली जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा में कुछ ऐसा हुआ की मंदिर से कुछ ही मीटर आगे चलने के बाद इस यात्रा को रोक दिया गया। भगवान के रथ को खींचने की होड़ में भीड़ ने कुछ ऐसा किया की एक श्रद्धालु की मौत और कई लोग घायल हो गए। क्या है पूरा मामला आईए जानते हैं।
भगदड़ के कारण हुई एक व्यक्ति की मौत
हाल ही में उत्तरप्रदेश के हाथरस में भोलेनाथ बाबा के सत्संग कार्यक्रम में हुई बड़ी घटना की अभी जांच ही चल रही थी की उधर ओडिशा से भी इसी तरह की एक खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि यहां पर जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) के दौरान भगदड़ जैसे हालात हो गए। भगदड़ में दम घुटने से एक वयक्ति की मौत हो गई एवं अन्य कई लोग घायल बताए गए हैं। बीते 10 दिनों के अंदर धार्मिक आयोजनों में हुई भगदड़ की घटनाएं आयोजकों की तैयारियों पर सवालिया निशान तो लगाती ही हैं, साथ ही प्रशासन की मुस्तैदी को भी कठघरे में खड़ा करती हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान हुई इस घटना से सवाल तो ये भी उठता है कि जब हाल ही मैं उत्तरप्रदेश में इतनी बड़ी घटना हुई है तो क्यों लोगों की भीड़ को काबू करने के लिए उपयुक्त इंतेजाम नहीं किए गए।
मृतक के परिजनों को मिलेंगे 4 लाख रुपए
7 जुलाई यानी की रविवार को ओडिशा में पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में लाखों की संख्या में पहुंचे भक्तों ने विशाल रथों को खींचकर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान किया। लेकिन ये यात्रा कुछ मीटर आगे बढ़ते ही रोकनी पड़ गई। रथरात्रा के दौरान घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि, भगवान बलभद्र का रथ (Jagannath Rath Yatra) खींचते समय भगदड़ हो गई, जिसमें एक पुलिसकर्मी के साथ साथ कुछ अन्य लोग भी घायल हो गए एवं एक व्यक्ति की दम घुटने से मौत हो गई है।
मृतक की पहचान बलांगीर जिले के ललित बगरती के रूप में कर ली गई है। इस हादसे के बाद सीएम मोहन चरण माझी ने मृतक के परिजनों को चार लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है, एवं घायल हुए लोगों के लिए बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।
10 लाख भक्त हुए थे शामिल
हिंदू धर्म में इस यात्रा (Jagannath Rath Yatra) में शामिल होना शुभ माना जाता है। देश विदेश से हाजारों लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। रविवार को भी जब ये यात्रा शुरू हुई तो लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा था। बताया जा रहा है कि इस यात्रा में लगभग 10 लाख भक्त शामिल हुए थे। रथयात्रा जब शुरू हुई तो पूरा वातारण ‘जय जगन्नाथ’ और ‘हरिबोल’ के नारों से गूंज रहा था। हर कोई इस पावन मौके पर भगवान की एक झलक पाने और भगवान के रथ को पल भर के लिए खींचने के लिए इतना उतावला हो रहा था कि लोग धक्कामुक्की करने लगे और फिर देखते ही देखते भगदड़ जैसे हालात पैदा हो गए।
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