Story Of 5 Young Men Who Were Martyred

Martyr Jawan : भारतीय आर्मी में कईं जवान (Martyr Jawan) देश की सेवा के लिए रात-दिन लगे हुए है। वे लोग बिना अपनी जान की परवाह किए ही देशसेवा में लगे रहते है। कईं जवान इस दौरान अपनी जान भी गंवा देते है और दुनिया के लिए मिसाल बन जाते है।

ऐसे में आज हम उन पांच जवानों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने देश के लिए अपने जान कुर्बान (Martyr Jawan) की और कईं लोगों के लिए प्रेरणा देने का काम किया है।

कैप्टन विक्रम बात्रा

Martyr Jawan

शहीद कैप्टन विक्रम बात्रा की शहादत सभी को पता है। उन पर शेरशाह मूवी भी बन चुकी है। वह 13वीं बटालियन जम्मू और कश्मीर राइफल्स में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त हुए थे। 5 जून को उन्हें जम्मू और कश्मीर के द्रास में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया।
कारगिल में पाकिस्तान के साथ युद्ध में वह शहीद (Martyr Jawan) हो गए थे। उनकी शाहदत तो आज भी याद किया जाता है।

कैप्टन मनोज कुमार पांडे

Martyr Jawan

मनोज कुमार पांडे भारत के उत्तर प्रदेश के सीतापुर के थे। वह 1/11 गोरखा राइफल्स के सिपाही थे। कहा जाता है कि वह सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र प्राप्त करने के उद्देश्य से भारतीय सेना में शामिल हुए थे। उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
देश की आन-बान-शान के लिए एक और वीर सैनिक ने अपनी जान कुर्बान (Martyr Jawan) कर दी। दुश्मनों की भारी गोलाबारी के बीच बहादुर मनोज पांडे ने हमला जारी रखा और शहीद (Martyr Jawan) हो गए।

कांस्टेबल सुखजिंदर सिंह

Martyr Jawan

पुलवामा हमले में सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन के कांस्टेबल सुखजिंदर सिंह शहीद हो गए। वह पंजाब के तरनतारन जिले के पट्टी कस्बे के गंगीविंड गांव के रहने वाले थे। सुखजिंदर सिंह आतंकी हमले से 7 महीने पहले ही पुलवामा आए थे। उनका तबादला इसलिए हुआ था क्योंकि उन्हें प्रमोशन मिला था।
नौकरी में प्रमोशन के बाद उनके बेटे गुरजोत सिंह का भी जन्म हुआ तो खुशी दोगुनी हो गई। लेकिन सुखजिंदर अपने बेटे को नहीं देख सके और शहीद (Martyr Jawan) हो गए।

कांस्टेबल वसंत कुमार वी.वी.

Martyr Jawan

पुलवामा हमले में सीआरपीएफ की 82वीं बटालियन के कांस्टेबल वसंत कुमार वी.वी. शहीद हो गए। वह केरल के वायनाड जिले के कुन्नाथीदावाका लक्कीडी गांव के रहने वाले थे। शहादत ने उनकी मां को सबसे ज्यादा झकझोर दिया।
शहीद होने के एक दिन पहले ही उनकी मां से बात हुई थी। एक दिन मां से बात नहीं हुई तो उनकी मां ने उनके ऑफिस में फोन किया। जहां से उन्हें वसंत की शहादत (Martyr Jawan) की खबर मिली थी।

कांस्टेबल महेश कुमार

Martyr Jawan

सीआरपीएफ की 118वीं बटालियन के कांस्टेबल महेश कुमार पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के मेजा गांव के रहने वाले थे। आतंकी हमले से कुछ दिन पहले ही महेश कुमार छुट्टी से वापस ड्यूटी पर लौटे थे।
लेकिन परिवार में उस समय कोहराम मच गया जब उन्हें अपने बेटे के दोबारा घर आने की खबर मिली लेकिन वह शहीद (Martyr Jawan) होकर वहाँ पहुंचे। मात्र 7 और 6 साल के बेटों ने महेश को मुखाग्नि दी थी।

कांस्टेबल कौशल कुमार

Martyr Jawan

सीआरपीएफ की 115वीं बटालियन के शहीद कांस्टेबल कौशल कुमार उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के केहरई गांव के रहने वाले थे। कौशल कुमार पहले सिलीगुड़ी में तैनात थे। लेकिन उनकी पोस्टिंग पुलवामा में हो गई थी। इतना ही नहीं वह नई ड्यूटी जॉइन करने के लिए पुलवामा आ रहे थे, लेकिन वह नई पोस्टिंग जॉइन नहीं कर पाए।
आतंकी हमले से एक दिन पहले ही उन्होंने अपने पूरे परिवार से बात की थी। लेकिन ना तो कौशल को और ना ही परिवार को इस बात का अंदाजा था कि यह उनकी आखिरी (Martyr Jawan) बातचीत होगी।

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