Bipin Ganatra : देश और दुनिया में कई महान हस्तियां रहती हैं जो किसी नाम और शोहरत के भी अपना काम करती रहती हैं। और परमार्थ के काम पर सदैव तत्पर रहती हैं। ऐसे ही कई लोगों ने देश-दुनिया में अपना नाम रोशन किया है। आपने ऐसे कई नायकों के बारे में पढ़ा होगा, लेकिन आज भी असल जिंदगी में महान छवि वाले ऐसे लोग हैं जिनके बारे में दुनिया नहीं जानती।
चलिए आपको बताते हैं कोलकाता में फरिश्ते जैसी छवि रखने वाले एक इंसान की अनसुनी कहानी, जिनके बारे में जानकर आपको भी समाज और देश की सेवा करने की प्रेरणा मिलेगी। वे (Bipin Ganatra) देश के असल जीवन के नायकों में से एक हैं। जिन्होंने बिना नाम कमाए लोगों कि रक्षा करते हुए सामान्य जीवन जिया हैं।
कोलकाता के Bipin Ganatra लोगों की बचाते हैं जिंदगी
हम बात कर रहे हैं कोलकाता के रहने वाले बिपिन गणात्रा (Bipin Ganatra) कि जो पेशे से इलेक्ट्रीशियन हैं और कोलकाता में कहीं भी आग लगने की सूचना मिलते ही वे तुरंत गमबूट, पीला हेलमेट और खाकी ड्रेस पहनकर मौके पर पहुंच जाते हैं। हालांकि वे पेशेवर फायर फाइटर नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कोलकाता में 100 से ज्यादा आग बुझाई हैं। उन्होंने आग बुझाने, लोगों को बचाने के लिए अथक प्रयास किए हैं। 59 वर्षीय बिपिन गणात्रा ने 40 से ज्यादा सालों तक कोलकाता में अग्निशमन अधिकारी के तौर पर काम किया है। इस दौरान उन्होंने 100 से ज़्यादा आग की घटनाओं को संभाला है – आग बुझाने, लोगों को बचाने में मदद की है।
कौन हैं लोगों के बीच प्रसिद्ध Bipin Ganatra?
बिपिन (Bipin Ganatra) कहते हैं, “आप कह सकते हैं कि जीवन में मेरी सिर्फ़ एक ही रुचि है, आग बुझाना।” बिपिन ने स्कूल छोड़ दिया है और अपनी पूरी ज़िंदगी जूट व्यापारी के लिए और मीटर ठीक करने वाले इलेक्ट्रीशियन के तौर पर काम किया है। बिपिन ने कोलकाता में एक भी आग की घटना में मदद करने से नहीं चूके। पिछले 40 सालों में कोलकाता में लगभग हर आग दुर्घटना स्थल पर पहुंचकर अपनी सेवाएँ देते हैं। बिपिन अकेले रहते हैं और शहर में आग की घटनाओं पर कड़ी नज़र रखते हैं। स्थानीय समाचार चैनल और रेडियो समाचार उनकी जानकारी का मुख्य स्रोत हैं।
बिपिन को कैसे मिली आग बुझाने कि प्रेरणा?
View this post on Instagram
कई बार ऐसा हुआ है जब वे दमकल विभाग से पहले ही घटनास्थल पर पहुँच गए हैं। अपने महान मिशन के पीछे की प्रेरणा के बारे में पूछे जाने पर बिपिन (Bipin Ganatra) ने कहा, “मेरे बड़े भाई नरेंद्र गणात्रा 40 साल पहले कोलकाता में हमारे घर पर गंभीर रूप से जल गए थे। हम उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन एक महीने तक अपने घावों से जूझने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। वह दिवाली की रात थी और मैं तब सिर्फ 12 साल का था। पूरी घटना आज भी मेरी यादों में बसी है। मैं आज भी आग में फंसे हर व्यक्ति में अपने भाई को देखता हूं। मेरा प्रयास अपने मृत भाई की आत्मा को शांति प्रदान करना है,”
पद्मश्री से भी नवाजे जा चुके हैं बिपिन दा
कोलकाता के फायर ऑफिसर्स के बीच ‘बिपिन दा’ और ‘बिपिन भाई’ के नाम से मशहूर बिपिन (Bipin Ganatra) ने कहा कि वे अपने जीवन की आखिरी सांस तक अपने मिशन को जारी रखेंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें अपनी जान का डर है, तो उन्होंने कहा, “मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है।” उनकी मानवीय सेवा से प्रभावित होकर सरकार ने उन्हें ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया।
बिपिन आग से निपटने में इतने माहिर हो गए हैं कि दमकल अधिकारियों को भी उनकी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है। उन्होंने (Bipin Ganatra) मीडिया को बताया, “दरअसल, मुझे दमकल अधिकारी ने नौकरी का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, मैंने मना कर दिया। मैं बस अपना काम करना चाहता हूँ।”
यह भी पढ़ें : जब ऐश्वर्या ने सरेआम खोली थी बच्चन परिवार की पोल, अभिषेक के लिए कहा – वो अच्छे पति…