Bahraich : उत्तर प्रदेश के बहराइच (Bahraich) जिले के कई इलाकों में इन दिनों डर का माहौल बना हुआ है. इसके पीछे ना तो कोई शैतान है और ना कोई सीरियल किलर हा हाथ हैं बल्कि लोगों के इस खतरे का कारण भेड़िये हैं. जी हाँ जंगलों में रहने वाले भेड़िये जो अब गाँवों में घुसे हुए हैं. चार भेड़ियों का एक समूह अलग-अलग है और दो तीन भेड़िये अलग-अलग घूम रहे हैं. एड़ी-चोटी का जोर लगाने के बाद भेड़ियों के एक समूह पर वन विभाग ने कब्ज़ा कर लिया और इस समूह का जो सबसे खुंखार भेड़िया था, वो गुरुवार को पकड़ लिया गया है. ये भेड़िया भले ही लंगड़ा चलता हो, लेकिन इसी ने 9 मासूमों को अपना शिकार बनाया है.
Bahraich में भेड़ियों ने मचाया कोहराम
बहराइच (Bahraich) जिले के वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए सबसे पहले तीन भेड़ियों को पकड़कर लखनऊ के चिड़ियाघर भेजा था. अब जो पकड़ा गया है, वहां कहां भेजा जाएगा अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है. आज से 28 साल पहले सुल्तानपुर, समेत कई इलाकों में भी भेड़ियों ने आतंक मचाया था जिसमें 30 बच्चों की जान चली गई थी. और अब इस बार बहराइच (Bahraich) जिले में भेड़ियों ने 8 बच्चों और एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया है.
आम तौर पर शांत रहने वाला जानवर भेड़िया इतना उग्र कैसे हो गया. इसके बारे में विशेषज्ञ का मानना है कि किसी कारण से एक भेड़िया लंगड़ा हो गया था और अपना वह नियमित शिकार नहीं कर पा रहा था इसलिए वह आसानी से शिकार पाने के चक्कर में बच्चों को अपना शिकार बनाता रहा.
गांव में घुसा भेड़ियों का झुण्ड
बहराइच (Bahraich) वन विभाग की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं वन अधिकारी आकाशदीप बधावन ने बताया कि किसी भी कार्रवाई की वजह से प्रतिक्रिया होती है. अभी जिसने भी शिकार किया है, उनमें से एक भेड़िया के पैर में चोट है, जिसके कारण वह चल नहीं रहा है और शिकार भी नहीं कर रहा है. इसलिए वह आसान शिकार का पता लगा रहा है. यूपी के बहराइच समेत कई जिलों में भेड़ियों का आतंक जारी है. वन विभाग ने सबसे पहले तीन भेड़ियों पर कब्ज़ा जमाया था. चौथा भेड़िया गुरुवार की सुबह पकड़ा गया. वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए पिंजरे का प्रयोग किया था. अब तक चारी भेड़िये पकड़े जा चुके हैं.
8 बच्चों समेत 1 बूढ़े आदमी को बनाया शिकार
वन विभाग के अनुसार अभी भी दो भेड़िये खुले में घूम रहे हैं. वन विभाग ने फिर से उसके लिए जाल बिछाया. गुरुवार की सुबह नर भेड़िया सिसिया चूरामनी गांव के नजदीक वन विभाग के जवानों को मिला. वन कर्मी उसे बहराइच (Bahraich) के रेंज कार्यालय ले गए. भेड़ियों के जाल में फंसने के बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली. भेड़ियों को यहां शिकार करना इसलिए भी आसान है क्योंकि यह काफी गरीब हैं और जिन घरों में हमले हुए हैं उन घरों में या तो दरवाजे नहीं हैं या लोग बाहर सो रहे हैं और उनके बच्चें साथ हैं. क्योंकि यह भेड़िये पहले घर के पास कहीं छुप कर बैठते हैं और यह इंतज़ार करते रहते हैं बच्चे के पास जाने का उसके बाद उनका शिकार करते हैं.
घरों को बनाया जा रहा है सुरक्षित
इसके पहले रविवार को वन मंत्री ने बैठक ली जिसमें उन्होंने कहा था कि जिन घरों में दरवाजे नहीं हैं, वहां दरवाजे लगाए जा रहे हैं. इसके लिए सीएसआर सहित अन्य फंडों से पैसा दिया जा रहा है. रात्रिकालीन समय में गांव वालों को सचेत रहने को कहा गया हैं. वन मंत्री ने कहा कि भेड़िया प्रभावित जिन घरों में शौचालय नहीं है, वहां शौचालय की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही बहराइच (Bahraich) के जिन गांवों में प्रकाश व्यवस्था नहीं हैं वहां के लिए सौर प्रकाश व्यवस्था की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.
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