This-Officer-Of-Maharashtra-Is-Getting-Hiv-Patients-Married-Till-Now-He-Has-Got-Two-Thousand-Couples-Married

HIV Patient: कोई भी देश तब तक आजाद और मजबूत रहता है जब तक उसके लोग एक-दूसरे के साथ सुख-दुःख में खड़े रहते हैं. एक-दूसरे की मदद करते हैं और दूसरे समाज को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं. मुंबई में 50 वर्षीय RTO अधिकारी अनिल वालिव एक ऐसे ही इंसान हैं जिन्होंने 2000 से अधिक एचआईवी मरीजों (HIV Patient) की शादियां कराई हैं. ड्यूटी के बाद देर रात तक ये जो रिश्ते मिलते हैं. ऐसे सामाजिक और मानसिक प्रताड़ना झेल रहे HIV मरीज़ अनिल वालिव को अपना मसीहा मानते हैं.

RTO अधिकारी ने बनाई शादी के लिए एक वेबसाइट

Hiv Patient

मुंबई के ऑफिस में पोस्टेड RTO अधिकारी अनिल वालिव ने देश का पहला मैट्रिमोनियल साइट पॉजिटिव साथी डॉट कॉम शुरू किया है. इस साईट को शुरू करने का उनका मकसद इतना ही था कि HIV मरीज (HIV Patient) भी अपनी जिन्दगी में आगे बढ़ सके. एक मरीज़ का कहना है कि इस बीमारी ने उनका सब कुछ छीन लिया था. परिवार, दोस्त, सुख-चैन कुछ भी नहीं था. वे जिंदगी खत्म करना चाहते थे लेकिन तब ही अनिल वालिव की साईट मिली और नई जिंदगी की शुरुआत हुई.

RTO अधिकारी अनिल कराते है HIV पॉजिटिव लोगों की शादी

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जब अनिल वालिव भगवान उनके लिए बनकर आए और उनकी वेबसाइट के बारे में पता चला, तो मुझे नहीं पता था कि उनका जीवन मित्र जैसा है. मेरी पत्नी भी इस साइट के ज़रिए रजिस्टर्ड थी. इस वेबसाइट पर पंजीकृत सभी एक जैसे है. सभी वेबसाइट के संस्थापक और महाराष्ट्र के अधिकारी अनिल वालिव का धन्यवाद अदा करते हैं. 43 साल अनिल वालिव ने साल 2006 में इस साईट की शुरुआत की थी. ट्रैफिक विभाग में अपनी नौकरी के बावजूद भी वे इस खतरनाक वायरस (HIV Patient) के कारण अकेले लोगों की जिंदगी में खुशहाली लाने के लिए निकल पड़ते हैं.

2006 में RTO अधिकारी अनिल से शुरू की थी ये वेबसाइट

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अनिल बताते हैं कि उनके एक ख़ास दोस्त के साथ ऐसी बीमारी हो चुकी है. इसके चलते उन्होंने उसको दुःख-दर्द पीड़ा में देखा है. 90 के दशक में अनिल वालिव के एक दोस्त को HIV पॉजिटिव (HIV Patient) हुआ था. वालिव ने उन्हें पीड़ा, अकेलेपन और परेशानी में टूटते हुए देखा था. अनिल ने कहा कि, ‘मेरे एक मित्र ने इस हालत को देखा था. मैं उसकी बातों से प्रभावित हुआ था.

मित्र को एचआईवी जांच की काउंसिलिंग की सलाह दी. मैं भी ऐसे ड्राइवर्स से मिला था, जो लंबे समय से परिवार से दूर रह रहे थे और अनसेफ सेक्स के कारण एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे. ऐसे लोगों की काउंसिलिंग करने की मैंने दोस्त की बात स्वीकार कर ली.’

आज 2000 से ज्यादा जोड़ों की शादी करवा चुके हैं RTO अधिकारी

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उन्हें उनके दोस्त से पता चला कि एक एचआईवी पीड़ित लड़का शादी करना चाहता है. उनका कहना है कि अगर उन्हें एचआईवी टेस्टेड लड़की नहीं मिली, तो वह किसी भी आम लड़की से शादी कर लेंगे. अनिल वालिव और उनके मित्र चिंता में पड़ गए क्योंकि इससे भी एक सामान्य लड़की की मृत्यु हो सकती थी. यही वह समय था, जब उन्होंने HIV रोग (HIV Patient) के मरीज युवाओं के लिए मैट्रिमोनियल साइट बनाने की सोची. अपने कुछ दोस्तों को भी इस काम से जोड़ा और वेबसाइट बनाई थी. इसके साथ ही आज वह कई हजार मरीजों कि इससे शादी करा चुके हैं.

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