Avani Lekhara : पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारत को दूसरे दिन ही शूटिंग में शानदार प्रदर्शन देखने को मिला. इसके साथ ही भारत ने शूटिंग में गोल्ड जीता. इस सबके पीछे राजस्थान के जयपुर की रहने वाली स्टार खिलाड़ी अवनी लेखरा (Avani Lekhara) का करिश्मा है. उन्होंने अपने मुकाबले में सीधा गोल्ड मेडल पर ही निशाना साधा. इससे पहले भी अवनी लेखरा ने 2020 में टोक्टो पैरालंपिक गेम्स में गोल्ड हासिल किया था. इसके साथ ही लगातार दो पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं.
Avani Lekhara ने जीता पैरालंपिक में गोल्ड
अवनी लेखरा (Avani Lekhara) ने शुक्रवार को 10 मीटर महिला एयर राइफल में 249.7 अंक हासिल कर फाइनल में पहला स्थान हासिल करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया. भारतीय खेल जगत में इस वक्त अवनी पूरी तरह से छाई हुई है. जयपुर की रहने वाली अवनी लेखरा की इस सफलता का गुणगान अपने पूरे देश में हो रहा है. जहां हर तरफ सिर्फ और सिर्फ अवनी की बात हो रही है.
देश की इस बेटी ने दिखाया कि टोक्टो पैरालंपिक गेम्स का जीतना कोई तुक्का नहीं था और वो इस गेम में अपनी मेहनत के दम पर चैंपियन हैं. अवनी लेखरा (Avani Lekhara) को मिली इस सफलता का राज खुद उनके पिता ने खोला था. जहां उन्होंने साझा किया था बड़ा राज.
लगातार दो पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाली पहली खिलाड़ी
इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भी अवनी ने यह कारनामा किया था. लेकिन इस बार अवनी लेखरा (Avani Lekhara) का यह पदक काफी खास है. क्योंकि रामचरितमानस की एक चौपाई ने उनके मन में हौसलों कि उड़ान को भरने दिया और सीधे स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया. गोल्ड मेडल जीतने के बाद के बाद अवनी के घर पर खुशी का माहौल है. लोगों ने ढोल नगाड़ों के साथ इस जीत को सेलिब्रेट किया. वहीं इसी दौरान अवनी (Avani Lekhara) के पिता ने बताया कि जब अवनी पैरालंपिक खेलों के लिए तैयारी कर रही थी तभी उन्होंने उन्हें रामचरितमानस की एक चौपाई याद कराई थी.
कवन सो काज कठिन जग माहीं।
जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहिं॥
राम काज लगि तव अवतारा।
सुनतहिं भयउ पर्बताकारा॥
इस चौपाई को ही वो गाती रहती थी और इससे ही उन्हें अच्छी तैयारी करने का साहस मिलता था. वहीं अवनी के कोच चंद्रशेखर और शुभीर देवनाथ भी इस खुशी में शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अवनी लेखरा (Avani Lekhara) के रूप में जो टैलेंट उन्हें मिला है वो बहुत ही कम बच्चों में देखने को मिलता है. कोच चन्द्रशेखर ने बताया कि अवनी चैंपियन हैं और उन्हें पूरा विश्वास है कि आगे भी वह देश का नाम रोशन करेंगी.
इसके अलावा शुभीर देवनाथ ने बताया कि मैच शुरू होने से दो घंटे पहले तक उनकी अवनी से बातचीत हुई थी. अवनी की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उन्हें और उनके परिवार को बधाई दी.
एक चौपाई ने बदल दी Avani Lekhara की किस्मत
अवनी (Avani Lekhara) की इस उपलब्धि पर सिर्फ जयपुर को ही नहीं बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस हो रहा है. बताते चलें कि पेरिस में चल रहे पैरालंपिक खेलों में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है. एक ही दिन में भारत ने चार मेडल जीतकर अपना परचम लहराया है. अवनी लेखरा के बाद जयपुर कि ही मोना ने कांस्य जीता था और उसके बाद मनीष नरवाल ने मेडल जीता था. अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है. ख़ास बात यह है कि अवनी (Avani Lekhara) और मोना दोनों राजस्थान की रहने वाली हैं. दोनों ने प्रदेश का नाम ओलंपिक में ऊंचा किया है.
देश-दुनिया ने मिल रही Avani Lekhara को बधाईयां
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अवनी (Avani Lekhara) के निजी जीवन कि बात करें तो महज 12 साल कि उम्र में उनका एक भयंकर एक्सीडेंट हुआ था जिससे उनकी रीढ़ कि हड्डी में चोट आई थी. उसके बाद उन्हें डिप्रेशन का शिकार भी होना पड़ा था. लेकिन इन सभी बातों को पीछे छोड़ते हुए अवनी (Avani Lekhara) ने संघर्ष करना और मेहनत करना नहीं छोड़ा और अपनी मेहनत के दम पर भारत का झंडा ऊंचा किया.