Trump: भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि आर्थिक दबाव और ऊंचे टैरिफ के बावजूद कैसे रणनीति से बाज़ी पलटी जा सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Trump) ने भारत पर रूसी तेल खरीदने और उससे बने उत्पाद बेचने को लेकर भारी टैरिफ लगाया था। लेकिन अब भारत ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है। तो आइए जानते है क्या है पूरा मामला…..
भारत का बड़ा मास्टरस्ट्रोक

दरअसल ट्रंप (Trump) प्रशासन ने 25% बेस टैरिफ और 25% अतिरिक्त शुल्क लगाकर कुल मिलाकर लगभग 50% तक का बोझ भारत के निर्यात पर डालने की कोशिश की। उनका मानना था कि इससे भारत की सप्लाई चेन और मुनाफे पर बड़ा असर पड़ेगा।
लेकिन हकीकत बिल्कुल उलटी साबित हुई। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2025 में भारत से यूरोप को डीज़ल का निर्यात 135% से अधिक बढ़कर करीब 2.4 लाख बैरल प्रतिदिन तक पहुंच गया। यह न सिर्फ पिछले साल की तुलना में रिकॉर्ड स्तर है, बल्कि जुलाई की तुलना में भी करीब 70% से ज्यादा की बढ़त दिखाता है।
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भारत को इस वजह से मिल सुनहरा मौका
विशेषज्ञ मानते हैं कि यूरोप में ऊर्जा संकट, रूस से सप्लाई पर प्रतिबंध और स्थानीय रिफाइनरियों के मेन्टेनेंस शटडाउन की वजह से भारत को यह सुनहरा मौका मिला। यूरोपीय कंपनियां भविष्य में और बड़े प्रतिबंधों से पहले भारतीय डीज़ल का स्टॉक कर रही हैं।
भारत की रणनीति बेहद सरल लेकिन दमदार रही। उसने सस्ते रूसी कच्चे तेल को खरीदा, रिफाइनरियों में प्रोसेस किया और फिर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में महंगे दाम पर डीज़ल बेच दिया। इससे न केवल भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को फायदा हुआ बल्कि अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर भी नहीं पड़ा। ट्रंप (Trump) की उम्मीदों के विपरीत भारत ने व्यापारिक खेल को अपने पक्ष में मोड़ लिया।
कुल मिलाकर, यह स्थिति बताती है कि कैसे भारत ने दबाव में आए बिना “हाई टैरिफ” को ठेंगा दिखाया और अपने आर्थिक हितों को सुरक्षित किया। यह कदम भारत की ऊर्जा नीति और वैश्विक व्यापारिक समझदारी का मास्टरस्ट्रोक साबित हो रहा है।
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