UP News : सरकारी तंत्र का हाल बेहाल तो है ये सभी को पता है। लेकिन इस पर सवालिया निशान तब उठ जाता है जब किसी निर्बल या दिव्यांग जन को भी अपने हक़ के लिए लम्बी लड़ाई से गुजरना पड़ता है।
ऐसा ही एक वाकया यूपी (UP News) से सामने आया है। जहां पर एक दिव्यांग कपल का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह एक ऑफिस में अपनी अर्जी लेकर पहुंचे थे।
आजमगढ़ के दिव्यांग कपल जो मांग रहे हक
यूपी (UP News) के आजमगढ़ से यह खबर है जिसने सभी का दिल पसीज लिया है। अशोक कुमार नामक शख्स जिलाधिकारी के ऑफिस में अपनी विकलांग पत्नी को पीठ पर लादकर यूपी (UP News) ज़िलाधिकारी कार्यालय पहुँचा, ताकि वह प्रशासन के समक्ष अपने घर से मुख्य सड़क तक संपर्क मार्ग बनाने की अपनी माँग रख सके।
अशोक कुमार ने बताया कि यह दूसरी बार है जब वह इस माँग को लेकर अधिकारियों के पास पहुँचा है। उन्होंने ज़िलाधिकारी आजमगढ़ को सड़क निर्माण की माँग को लेकर लिखित में प्रार्थना पत्र भी दिया।
ऑफिस आते समय का वीडियो हुआ वायरल
यूपी : आजमगढ़ का दिव्यांग दंपति घर के लिए रास्ता नहीं होने पर गुहार लगाने DM दफ्तर पहुंचा।
1– क्या दिव्यागों के लिए कोई ट्राइसाइकिल नहीं है?
2– क्या दिव्यागों के लिए सरकारी दफ्तर में रैंप नहीं है?
3– क्या कोई अफसर इन्हें देखकर खुद बाहर नहीं आ सकता था? pic.twitter.com/hJVKgCBtq8— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) July 22, 2025
खासकर जब वे दोनों शारीरिक रूप से विकलांग हैं। अपनी समस्या लेकर प्रशासन के पास आया है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। उनकी बस इतनी ही माँग है कि चकबंदी प्रक्रिया के दौरान उनके घर के आगे रास्ता बना दिया जाए। इस मामले में, यूपी (UP News) एसओसी ने भी पुष्टि की है कि चकबंदी प्रक्रिया चल रही है और पीड़ित की माँग को ध्यान में रखते हुए रास्ता बनवाने का प्रयास किया जाएगा।
इस घटना ने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि दिव्यांगों के प्रति समाज की असंवेदनशीलता को भी उजागर किया है।
सड़क बनाने को लेकर कई बार दे चुका आवेदन
हालाँकि दम्पति के पास एक मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल है, लेकिन उस दिन उसकी बैटरी खत्म हो गई थी और कार्यालय परिसर में बना रैंप भी पर्याप्त उपयोगी नहीं था। इस कारण वे उसका उपयोग नहीं कर सके। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब अशोक कुमार अपनी पत्नी को पीठ पर लादकर कार्यालय में दाखिल हुए, तब भी कोई कर्मचारी मदद के लिए आगे नहीं आया।
अशोक कुमार ने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब मैं अधिकारियों से मदद माँग रहा हूँ। मैं बस यही चाहता हूँ कि हमारे घर तक एक सड़क बन जाए ताकि हम भी सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें और आज़ादी से आ-जा सकें।”
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