Vikas Divyakirti : हाल ही में दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के कारण एक बार फिर दिल्ली सुर्खियों में है। बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन बच्चों की मौत होने के कारण अन्य छात्र भी आक्रोशित नजर आ रहे हैं। एमसीडी द्वारा कई कोचिंग सेंटरों को सील करने की कार्रवाई के कारण बच्चों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराते हुए दिख रहे हैं। इसी बीच दृष्टि आईएएस के डायरेक्टर विकास दिव्यकीर्ति का एक बड़ा बयान सामने आया है।
ये बयान तब आया है जब हाल ही में एमसीडी ने दृष्टि के एक कोचिंग सेंटर को भी सील किया है। विकास दिव्यकीर्ति के बयान में साफ झलक रहा है कि वो एमसीडी के द्वारा की गई कार्रवाई से काफी नाराज हैं। आखिर क्या बोले विकास दिव्यकीर्ति आईए जानते हैं।
Vikas Divyakirti ने बयां किया अपना दर्द
हाल ही में एमसीडी ने नेहरू विहार के एक मॉल के बेसमेंट में संचालित दृष्टि के एक कोचिंग सेंटर को सील किया है। एमसीडी ने बताया है कि वहां पर कई मानकों का ध्यान नहीं रखा गया, जिसके कारण सील करने की कार्ऱवाई की गई है। वहीं दूसरी ओर कोचिंग सेंटर बंद हो जाने के कारण बच्चों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। ज्यादातर बच्चे इसका जिम्मेदार विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) को बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी विकास दिव्यकीर्ति को खरी खोटी सुनाई जा रही है। समाज में अपनी छवि बिगड़ता हुआ देख विकास दिव्यकीर्ति का एक बयान सामने आाया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि,
“छात्रों की नाराजगी एकदम सही है, शायद उन्हें मुझसे इससे ज्यादा की उम्मीद थी इसीलिए मुझपर गुस्सा फूटा है, मेरे नाम से गाली देने वाले को ज्यादा व्यूज मिलते हैं और इसीलिए मुझे ही टारगेट बनाया गया है”
साथ ही इस दौरान उन्होंने कहा कि,
“मुझपर निशाना इसलिए साधा गया है क्योंकि सभी को बलि के बकरे की जरूरत होती है, इससे समाज को एक दोषी मिल जाता और प्रतियोगियों को लगता है कि यही सबसे अच्छा मौका है, हिसाब बराबर कर लिया जाए”
कोचिंग सेंटर सील होने पर Vikas Divyakirti का फूटा गुस्सा
एमसीडी द्वारा दृष्टि कोचिंग सेंटर पर की गई कार्रवाई के बाद पहली बार आधिकारिक तौर पर दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि “हमारी भी एक बेसमेंट सील की गई है, यह एक अप्रूव बेसमेंट है, नेहरू विहार के मॉल में स्थित वो बेसमेंट दिल्ली की सबसे सुरक्षित बिल्डिंग में से एक है, जिसमें निकासी के लिए ही 7 द्वार हैं। मुझे हमेशा लगता था कि चिंता आग की थी, क्योंकी मूल खतरा तो आग से ही होता है, हमारे मन में कभी ये बात आई ही नहीं कि खतरा पानी से भी हो सकता है, तीन साल पहले भी जब पानी का स्तर बढ़ा था तो हमने सात दिनों की छुट्टियां दी थी, लेकिन हमने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा कुछ भी हो सकता है”।
एलजी की मीटिंग में शामिल हुए Vikas Divyakirti
इस दौरान विकास (Vikas Divyakirti) ने एक बड़ा अपडेट देते हुए इस मामले पर दिल्ली सरकार की सक्रियता की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा “एलजी की मीटिंग में मैं भी शामिल हुआ था, मीटिंग काफी अच्छी हुई, दिल्ली सरकार और एलजी इस मामले को लेकर काफी सक्रीय हैं, उन्होंने बच्चों के साथ साथ इंस्टिट्यूट की बातों को भी सुना है। एक कमेटी भी बनाई गई है, जिसमें मुझे भी शामिल किया गया है।
मैं उम्मीद कर रहा हूं कि जल्दी ही कोई नतीजा निकलेगा, ये तो मानना पड़ेगा की नियमों के स्तर पर चूक हुई है लेकिन हमारी नीयत कभी भी खराब नहीं थी, दिल्ली में करीब 2000 से ज्यादा कोचिंग संस्थान है लेकिन फायर एनओसी फॉर एजुकेशन बिल्डिंग तो एक भी संस्थान के पास नहीं है”।