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What happened overnight in Uttarakhand, how many people lost their lives?

Uttarakhand: धराली में बादल फटने से मची तबाही के बाद उत्तरकाशी से ऋषिकेश तक रात भर कई जगहों पर भूस्खलन हुआ. बचाव दल लगातार धराली पहुँच रहे हैं. लेकिन उत्तरकाशी से 20 किलोमीटर पहले नालू पानी में पहाड़ से मलबा सड़क पर आ गिरा. यह पूरा रास्ता अवरुद्ध हो गया है. इस बीच आइए जानते हैं कि उत्तराखंड (Uttarakhand) में रातभर क्या-क्या हुआ, कितने लोगों की जान चली गई, अधिक जानने के लिए पूरा अपडेट पढ़ें?

मौसम विभाग ने किया अलर्ट

मौसम विभाग ने जिन जगहों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है उनमें हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंह नगर जिले शामिल हैं. जानकारी के अनुसार, उत्तरकाशी से भटवारी जाने वाला मार्ग ओंगी रोड ध्वस्त होने की कगार पर है. संपर्क कभी भी टूट सकता है. आईटीबीपी और एम्बुलेंस की गाड़ियाँ तैनात हैं.

भटवारी यहाँ से 12 किलोमीटर दूर है. खबर आ रही है कि भटवारी में लगभग 150 मीटर सड़क बह गई है, जिससे रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है.धराली में आई आपदा के बाद कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. बचाव दल अभी तक पूरी तरह से घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाया है.

हालांकि कुछ टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं. लेकिन उत्तराखंड (Uttarakhand) में भूस्खलन और सड़कें बह जाने के कारण कई टीमें रास्ते में ही फंस गई हैं. इस बीच, रेस्क्यू के लिए धरारी आ रहे आईटीबीपी के जवान भी मनेरी के पास फंस गए हैं. आगे सड़क पर बड़ी-बड़ी दरारें हैं जो कभी भी बह सकती हैं.

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इतने लोगों की गई जान

Uttarkashi Disaster
Uttarkashi Disaster

आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने लगभग 130 लोगों को बचाया है. सूत्रों के अनुसार, 70 से ज़्यादा लोग लापता होने की आशंका है. यह आँकड़ा 100 को भी पार कर सकता है. धराली आपदा में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है. घायलों के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें गठित की गई हैं. उत्तराखंड (Uttarakhand) में बचाव कार्य में तेज़ी लाने के लिए 2 आईजी रैंक के अधिकारी, 3 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और 11 डिप्टी एसपी समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.

गंगा का जलस्तर बढ़ा

वहीं, उत्तराखंड (Uttarakhand) के पहाड़ों और मैदानों में एक साथ हो रही मूसलाधार बारिश के कारण हरिद्वार में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया. इसके चलते गंगा घाटों को खाली करा दिया गया और निचले इलाकों के ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया. भारी बारिश की चेतावनी के चलते बुधवार को भी जिले के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। रविवार रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर भी बढ़ रहा है.

जिसके चलते सोमवार को गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के निशान के करीब पहुंच गया था, लेकिन मंगलवार को गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया. दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 293.30 मीटर दर्ज किया गया, जो गंगा की चेतावनी रेखा 293 मीटर से 30 सेंटीमीटर अधिक था। गंगा का खतरे का निशान 294 मीटर है.

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