Sudan Gurung: सोशल मीडिया पर प्रतिबंध ने आग में घी डालने का काम किया और देखते ही देखते आंदोलन भड़क उठा. विद्रोह को देखते हुए सरकार ने प्रतिबंध का फैसला वापस ले लिया. कई इस्तीफ़े हुए. आगजनी हुई. युवाओं की इस भीड़ को एकजुट करने और दिशा देने का काम हामी नेपाल नाम के एक संगठन ने किया है. तो चलिए इसी बीच आगे जानते हैं कौन है सूडान गुरुंग (Sudan Gurung), जिसने सोशल मीडिया बैन के खिलाफ युवाओं को किया एकजुट?
कौन है Sudan Gurung?
Who is Sudan Gurung? The leader behind Nepal’s youth protest against social media ban
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— The Tatva (@thetatvaindia) September 9, 2025
इस संगठन के प्रमुख 36 वर्षीय सुदान गुरुंग हैं. सूडान गुरुंग (Sudan Gurung) को आज नेपाल की जेनरेशन Z के लिए आशा और बदलाव का नया प्रतीक माना जाता है. गुरुंग की ताकत छात्र और युवा हैं. उनका आंदोलन पूरी तरह से डिजिटल साधनों पर आधारित रहा है.
इंस्टाग्राम, डिस्कॉर्ड और यूट्यूब पर, उन्होंने न केवल विरोध प्रदर्शन के रास्ते साझा किए, बल्कि सुरक्षा निर्देश भी साझा किए. उन्होंने छात्रों से स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर और किताबें लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की. यह अंदाज़ युवाओं को पसंद आया और आंदोलन को एक नया रंग मिला.
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जानें कैसे किया प्लान?
कभी इवेंट ऑर्गनाइज़र रहे सूडान गुरुंग (Sudan Gurung) ने अपने करियर की दिशा ही बदल दी. भूकंप के बाद, उन्होंने राहत सामग्री पहुँचाने से लेकर बाढ़, भूस्खलन और महामारी तक, हर आपदा में काम किया. हामी नेपाल अब तक हज़ारों परिवारों तक खाना, कपड़े और दवाइयाँ पहुँचा चुके हैं.
उनका मंत्र है- जनता के लिए, जनता द्वारा। जब विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए, 20 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए, तब कैबिनेट ने प्रतिबंध हटा लिए. यानी, सुदान गुरुंग और उनके साथियों की लड़ाई ने व्यवस्था को झुकने पर मजबूर कर दिया.
पहले भी कर चुके हैं जनआंदोलन

सिर्फ़ विरोध प्रदर्शन ही नहीं, सूडान गुरुंग (Sudan Gurung) पहले भी जनांदोलनों को दिशा दे चुके हैं. धरान के घोपा कैंप विरोध प्रदर्शन से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता की मांग तक, वे हमेशा सक्रिय रहे हैं. यही ट्रैक रिकॉर्ड उन्हें आज नेपाल के युवाओं के बीच सबसे भरोसेमंद चेहरा बनाता है. आज सुदान गुरुंग सिर्फ़ एक एनजीओ प्रमुख ही नहीं, बल्कि जेनरेशन Z की आवाज़ बन गए हैं।