Who Is Sumit Antil, Who Won Gold In Paris Paralympic 2024
Who is Sumit Antil, who won gold in Paris Paralympic 2024

Sumit Antil : पेरिस पैरालंपिक 2024 के 5वें दिन भारतीय एथलीट ने मेडल की झड़ी लगा दी. सोमवार को भारत की झोली में 7 मेडल आए. सोमवार को जेवलिन में स्टार खिलाड़ी सुमित अंतिल (Sumit Antil) ने सोने का मेडल जीता. पेरिस पैरालंपिक 2024 में यह भारत का 14वां पदक है. सुमित अंतिल ने पुरुष की भाला फेंक F64 श्रेणी में अपने पैरालंपिक गोल्डन मेडल का बचाव करते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया. अंतिम प्रयास में 66.57 मीटर फेंकी गई. सोमवार को सुमित अंतिल ने जैवलीन थ्रो एफ 64 वर्ग में 70.59 मीटर जैवलीन फेंक कर स्वर्ण पदक पर अपना कब्ज़ा कायम रखा.

Sumit Antil ने पेरिस पैरालंपिक में जीता गोल्ड

Sumi Antil

इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक में उन्होंने 68.55 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था. सुमित दो बार के विश्व चैंपियन भी हैं और 25 साल के इस एथलीट का नाम विश्व रिकॉर्ड में भी दर्ज है. सुमित ने पहली बार 2023 विश्व चैंपियनशिप में विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जहां उन्होंने 70.83 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था. सुमित (Sumit Antil) ने टोक्यो के बाद अब पेरिस पैरालंपिक में भारत के लिए गोल्ड जीता है. वो अब अवनी के बाद ऐसे ही दूसरे भारतीय एथलीट बन गए हैं, जो पैरालंपिक्स में दो मेडल हासिल कर चुके हैं. ये दोनों एथलीट टोक्यो और अब पेरिस पैरालम्पिक में भी मेडल हासिल करने में सफल रहे हैं.

टोक्यो पैरालंपिक में भी जीत चुके हैं गोल्ड

Sumi Antil

हालाँकि, पैरालंपिक खेलों में भाले से गोल्डन डिस्टेंस नापने वाले सुमित अंतिल के लिए जिंदगी में सब कुछ पाना इतना आसान नहीं था. आइए जानते हैं सुमित की जिंदगी के बारे में जानना. सुमित अंतिल (Sumit Antil) का सपना अपने पिता राम कुमार अंतिल की तरह बनने का था. वो भी अपने पिता की तरह भारतीय सेना का हिस्सा बनना चाहते थे. इंडियन एयरफोर्स में शामिल सुमित अंतिल के पिता का लंबी बीमारी से निधन हो गया था. जब वो सिर्फ 7 साल के थे. बचपन में सिर से पिता का साया उठा तो सुमित अंतिल और उनके परिवार के लिए जीवन भर मानों दुखों का पहाड़ टूट गया था.

7 साल की उम्र में उठ गया था सिर से पिता का सांया

Sumi Antil

ऐसे में मां ने सूझबूझ से काम लिया. उन्होंने अंतिल (Sumit Antil) को खेल में आगे बढ़ने का मौका दिया. अपनी लम्बी-चौड़ी कद काठी को देखते हुए सुमित अंतिल ने रेसलिंग में करियर बनाने का फैसला लिया. वे भारतीय सेना में शामिल होने के लिए रेसलिंग में उतरे. लेकिन, वो कहते हैं कि हर बार वैसा नहीं होता जैसा हम सोचते हैं. सुमित अंतिल (Sumit Antil) के केस में भी किस्मत को कुछ और मंजूर था. लेकिन इतना ही नहीं उसके बाद सुमित के जीवन में एक और बुरा दिन आया. 2015 में हुए सड़क हादसे ने उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी.

16 साल की उम्र में गंवाया अपना पैर और टूटे सपने

Sumi Antil

बात तब कि है, जब सुमित (Sumit Antil) सिर्फ 16 साल के थे और वो 12वीं में थे. स्कूल से घर आने के दौरान उनकी बाइक को एक ट्रॉली ने टक्कर मार दी. इस हादसे में सुमित को अपना पैर गंवा दिया. जिसके साथ ही उनका रेसलर बनने का सपना भी टूट गया. इस हादसे ने उनको और उनकी मां को झकझोर कर रख दिया. उस वक्त सुमित अंतिल ने अपनी मां से कहा कि सब्र करो, सब ठीक हो जाएगा. सुमित ने हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करना सीखा. चेहरे पर मुस्कान बनाए रखने वाले सुमित (Sumit Antil) ने इकलौते बेटे होने का फर्ज भी निभाया.

हिम्मत ना हारते हुए जेवलिन थ्रो में किया कारनामा

Sumi Antil

2017 में अपने ही गांव के एक पैरा एथलीट राजकुमार के कहने पर सुमित (Sumit Antil) ने पैरा स्पोर्ट्स में हिस्सा लिया. और जैवलिन थ्रो में सुमित अंतिल का पैरालंपिक चैंपियन बनने का सफर शुरू हुआ. सुमित ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कोच नवल सिंह की देख-रेख में ट्रेनिंग शुरू की. शुरुआत में तो उन्हें काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा लेकिन अपने लगन और मेहनत से उन्होंने अंत में सब पर काबू पा लिया. सुमित ने अपनी कही बात को सच कर दिखाया और टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर अपनी मां और पिता को गौरवान्वित करने का अवसर प्रदान किया.

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