Mukesh Ambani: भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने जिस तरह से बिजनेस की दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत की है, वह प्रेरणादायी है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके जीवन की सफलता को लेकर एक दिलचस्प किस्सा पिछले जन्म से भी जुड़ा बताया जाता है? तो आइए जानते है इस बारे में विस्तार से…..
पिछले जन्म में कौन थे Mukesh Ambani?

यह कथा पास्ट लाइफ रिग्रेशन थैरेपी (PLRT) से सामने आई, जिसने यह सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर अच्छे कर्म किस हद तक अगली जिंदगी को प्रभावित कर सकते हैं। लाइफ कोच और हिप्नोथैरेपिस्ट संजीव मलिक ने एक वीडियो में दावा किया कि मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) का पिछला जन्म बेहद साधारण और गरीब परिस्थितियों में बीता था।
उस जन्म में वे इतना गरीब थे कि बमुश्किल अपने लिए रोटी का इंतजाम कर पाते थे। एक दिन उन्होंने अपने लिए तीन चपातियाँ बनाई थीं। तभी एक विकलांग व्यक्ति उनसे खाने की मांग करने आया। आर्थिक तंगी के बावजूद मुकेश अंबानी ने बिना सोचे-समझे अपनी सारी चपातियाँ उसे दे दीं।
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इस वजह से मिली अपार दौलत
माना जाता है कि यही दयालुता और निस्वार्थ भाव उनके (Mukesh Ambani) अगले जन्म में सफलता और समृद्धि का आधार बनी। अच्छे कर्मों के फलस्वरूप उन्हें इस जन्म में न सिर्फ अपार दौलत मिली, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े उद्योगपतियों में उनका नाम जुड़ गया। यही वजह है कि कहा जाता है “जो बोओगे, वही काटोगे।”
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो पास्ट लाइफ रिग्रेशन थैरेपी को प्रमाणिक नहीं माना जाता। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रक्रिया में व्यक्ति की अवचेतन स्मृतियाँ, कल्पना और सांस्कृतिक प्रभाव अधिक होते हैं। इसके बावजूद आध्यात्मिक स्तर पर बहुत से लोग मानते हैं कि अच्छे कर्मों का फल कभी न कभी जरूर मिलता है।
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की यह कहानी हमें यही सिखाती है कि दान और दया से बड़ा कोई धन नहीं होता। शायद यही कारण है कि गरीब से गरीब इंसान भी अपने अच्छे कर्मों से भविष्य बदल सकता है।
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