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Richa Kar : आज भी हमारे देश में ज़्यादातर महिलाएं नौकरीपेशा कर रही है। ऐसे में एक लड़की है जिसने एक ऐसे बिजनेस की पहल की जिसके लिए उसके माता-पिता राजी नहीं थे। आज भी महिलाएं या लड़कियां किसी दुकान पर अपने अंडरगारमेंट्स खरीदने जाने के लिए सोचती की कहीं दुकान पर कोई आदमी तो नहीं है। तो सोचिए आज से 13 साल पहले क्या होता होगा। लेकिन वहीं उस समय एक ने अपने घरवालों को अंडरगारमेंट्स बेचने का बिज़नेस शुरू करने की बात बताई थी। इस लड़की (Richa Kar) के घरवालों ने उसके इस आइडिया का विरोध किया। लेकिन उसने हार नहीं मानी और आज अपने बिजनेस को अलग ही ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया है।

लॉन्जरी कंपनी खोल Richa Kar ने किया कमाल

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दरअसल हम बात कर रहे है रिचा कर (Richa Kar) और उसकी कंपनी ज़िवामे की। रिचा कर देश की सबसे बड़ी लॉन्जरी ब्रांड ज़िवामे की संस्थापक हैं। उन्होंने समाज की परवाह किए बिना इस कंपनी की नींव रखी। रिचा झारखंड के जमशेदपुर में पली-बढ़ी हैं. उनका परिवार बहुत मॉडर्न नहीं था। इसलिए जब उन्होंने लॉन्जरी इंडस्ट्री में कदम रखा तो उनके परिवार ने उनका साथ नहीं दिया। सच तो ये है कि उनके माता-पिता रिचा के काम से शर्मिंदा थे। यह अलग बात है कि बेटी ने उसी लॉन्जरी का करोड़ों का कारोबार खड़ा करके नाम कमाया।

 कौन है रिचा कर?

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आइए यहां जानते हैं रिचा (Richa Kar) की सफलता के सफर के बारे में। रिचा कर का जन्म 17 जुलाई 1980 को जमशेदपुर के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने बिट्स-पिलानी से स्नातक किया। जमशेदपुर में जन्मी रिचा अपने माता-पिता के साथ रहती थीं और उनके पिता टाटा स्टील में काम करते थे। रिचा ने 2007 में एसबीकेएम के नरसी मोनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एनएमआईएमएस) से पीजी डिप्लोमा किया। इसके बाद उन्होंने यहीं से मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की। ​​स्पेंसर और एसएपी रिटेल कंसल्टेंसी जैसी कंपनियों से अनुभव हासिल किया।

कैसे आया कंपनी खोलने का आईडिया?

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कंसल्टेंसी में काम करने के दौरान रिचा कर विक्टोरिया सीक्रेट की ऑनलाइन बिक्री पर नजर रखने लगीं। इससे यह साफ हो गया कि भारतीय महिलाओं को लॉन्जरी शॉपिंग में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसी से रिचा को एक ब्रांड शुरू करने की प्रेरणा मिली जिसे हम जिवामे के नाम से जानते हैं। इसी दौरान रिचा (Richa Kar) को एक बिजनेस आइडिया आया।

उन्होंने (Richa Kar) देखा कि महिलाएं अंडरगारमेंट्स खरीदते वक्त काफी शर्म महसूस करती हैं। रिचा ने इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की। उन्होंने अपनी मां को अंडरगारमेंट्स के बिजनेस के बारे में बताया। मां ने इस आइडिया को खारिज कर दिया। मां ने कहा कि मैं कैसे बताऊंगी कि मेरी बेटी अंडरगारमेंट्स बेचती है।

घरवालों के विरोध के बावजूद शुरू किया बिजनेस

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रिचा (Richa Kar) ने मां को समझाया और बिजनेस करने का रास्ता साफ हो गया। उन्होंने 2011 में जिवामे की शुरुआत की। यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म था, जहां महिलाओं को सहज और निजी माहौल में लॉन्जरी खरीदने का मौका मिलता था। जिवामे पर 5,000 से ज्यादा डिजाइन, 50 से ज्यादा ब्रांड और 100 से ज्यादा साइज उपलब्ध थे। इस विशाल कलेक्शन की वजह से जिवामे ने बहुत जल्द ही भारतीय महिलाओं के बीच लोकप्रियता हासिल कर ली। शुरुआत में जिवामे सिर्फ लॉन्जरी ही बेचती थी, लेकिन बाद में इसने महिलाओं के कपड़े, फिटनेस वियर और स्लीपवियर भी बेचना शुरू कर दिया।

2011 में शुरू हुई कंपनी को मिला टाटा का साथ

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जिवामे की सफलता को देखते हुए रतन टाटा ने 2015 में इसमें निवेश किया। इससे कंपनी की कीमत कई मिलियन डॉलर हो गई। जिवामे आगे बढ़ती रही। इसी बीच मुकेश अंबानी और उनकी बेटी ईशा की नजर इस पर पड़ी। रिलायंस रिटेल और ब्रांड्स के मालिक मुकेश अंबानी ने जिवामे को बड़ी डील में खरीदा है। इससे इंडस्ट्री में कंपनी की पकड़ और मजबूत हुई है। इसका सालाना रेवेन्यू 100 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। 2020 में रिलायंस रिटेल ने जिवामे का अधिग्रहण कर लिया। हालांकि रिचा (Richa Kar) ने 2017 में ही सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन वे अभी भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हैं।

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