न्यूजीलैंड के खिलाफ शुक्रवार 25 नवंबर से शुरू होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज की कप्तानी की कमान शिखर धवन (Shikhar Dhawan) के हाथों में हैं। लेकिन यह पहली बार नहीं है कि जब वह भारतीय टीम (Team India) की अगुवाई करने वाले है। इससे पहले भी कई बार धवन टीम इंडिया की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले चुके हैं। हालांकि धवन की कप्तानी में में भारत को श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज की वनडे सीरीज में हार ही मिली है। वहीं अब उन्होंने अपनी कप्तानी के बारे में बात करते हुए कई बातें बताई हैं।
Shikhar Dhawan ने अपनी कप्तानी में लिए गलत फैसले
दरअसल बाएं हाथ के बल्लेबाज शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने वनडे सीरीज के शुरूआत से पहले बतौर कप्तान अपनी निर्णय लेने की क्षमता के बारे में बात करते हुए बताया कि, समय के साथ उनके फैसले लेने की क्षमता में सुधार हुआ है। इतना ही नहीं बल्कि वह अब निर्णय लेने से भी नहीं हिचकिचाते हैं। भले ही ऐसे में टीम के किसी भी खिलाड़ी को बुरा लगे या नहीं। क्रिकइंफो की एक रिपोर्ट के अनुसार धवन ने अपनी कप्तानी के बारे में बात करते हुए आगे बताया कि,
“आप जितना अधिक खेलते हैं, आप अपने फैसलों को लेकर उतने अधिक आश्वस्त रहते हैं। इससे पहले ऐसे भी मौके आते थे जबकि मैं किसी गेंदबाज के प्रति सम्मान दिखाते हुए उसे अतिरिक्त ओवर दे देता था लेकिन अब मैं परिपक्व हो गया हूं और अगर किसी को बुरा भी लगे तब भी मैं वह फैसला करूंगा जिससे टीम को फायदा पहुंचे।”
टीम में खिलाड़ियों का भरोसा जीतना जरूरी होता है
कप्तानी के बारे में बात करते हुए धवन (Shikhar Dhawan) ने आगे कहा कि, टीम में संतुलन बनाए रखना और खिलाड़ियों का भरोसा जीतना महत्वपूर्ण होता है। वह मुश्किल से दवाब महसूस करते है और अपने आसपास के माहौल को अपने जैसा ही खुशनुमा बनाने की कोशिश करते हैं। धवन ने आगे कहा कि,
“जब आप किसी तार वाले वाद्य यंत्र पर संगीत बजाते हैं तो ऐसे में अगर तार बहुत ढीला है तो उसका स्वर अच्छा नहीं आएगा या यदि तार बहुत कसा गया है तो वह टूट जाएगा। इसलिए यह संतुलन पैदा करने से जुड़ा हुआ है। कप्तान के रूप में संतुलन पैदा करना महत्वपूर्ण होता है।”
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