कानपुर का नामी गुंडा विकास दुबे आज चर्चा का विषय बन गया है। अपने घर में गिरफ्तार करने आए 8 पुलिसकर्मियों को अपने गुर्गों से मरवाकर विकास ने न केवल शहर या राज्य बल्कि पूरे देश में सनसनी मचा दी है। लेकिन ये विकास दुबे अचानक गुंडा नहीं बना उसके पीछे एक बड़ी कहानी है जिसने इसे आज ऐसे मुकाम पर पहुंचाया है कि ये एनकाउंटर में मारे जाने की आशंकाओं में घिर गया है।
किसी को नहीं छोड़ा
एक कहावत है कि गुंडा किसी का नहीं हो सकता विकास पर ये कहावत फिट बैठती है। विकास ने अपने रसूख और सनक में अपने रिश्तेदारों तक से दुश्मनी मोल ले ली। उसने अपने चचेरे भाई को अपना दुश्मन बना कर उसे मौत के घाट उतार दिया। यही नहीं विकास दुबे ने दुश्मनी और सनक में अपनी पत्नी के सगे भाई तक भी नहीं बख्शा। इन सबका नतीजा ये हुआ कि वो उनकी शरण में आ गई।
नहीं चली प्रेम कहानी
दरअसल बदमाश राजू खुल्लर विकास दुबे के संपर्क में आया दोनों साथ में आपराधिक गतिविधियां करने लगे राजू उसके धंधे संभालने लगा। विकास ने खूब दौलत कमाई और राजू की बहन संग प्रेम कर शादी कर ली और सारी दौलत उसके नाम करता चला गया।
लगातार अपराध और मंत्री की हत्या के बाद विकास दुबे जेल चला गया, इस दौरान उसकी सत्ता पत्नी सोनू और साले राज़ू ने संभाली लेकिन फिर वो विकास के किसी खास शख्स के संपर्क में आए लेकिन विकास से दूर हो गए। भाई-बहन लंबे वक्त तक गायब रहे।
बौखलाया था विकास
दोनों भाई-बहन विकास दुबे की संपत्ति बेचने की फिराक में थे कि विकास जेल से बाहर आ गया और सारी कहानी पता चलने पर दोनों भाई-बहन को ढूंढने के लिए अपने गुर्गों की फौज लगा दी, राजू और सोनू का यूपी में रहना मुश्किल हो गया था और राजू यूपी छोड़कर हमेशा के लिए भाग गया, लेकिन बहन सोनू ने विकास के सामने सरेंडर कर दिया खबरें हैं कि इस पूरे कांड के बाद विकास के साथ रहने वाली पत्नी ऋचा ही सोनू है, जिसने अपना नाम बदल लिया।
अपराध की अर्धांगिनी
पत्नी अर्धांगिनी होती है ठीक उसी तरह विकास की पत्नी ऋचा भी अपने पत्नी के हर गलत और आपराधिक कांड में पूरा साथ देती थी। यहां तक कि वो अपने घरों के सीसीटीवी खुद अपने फोन से ऑपरेट करती थी और सारी सूचना अपने पास रखती थी। विकास के फरार होने के साथ ही वो भी गायब है जो उसके पति के जुर्म में साथ देने की बात सही साबित करता है।