उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ते अपराध को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस अफसरों पर निगाहें टेढ़ी हो गई हैं। कानपुर चौबेपुर के बिकरू में दो जुलाई को हुए एनकाउंटर के बाद से वह पुलिस पर खासा नाराज हैं। इस बीच कानपुर के बर्रा में अपहर्त लैब टेक्नीशिनयन की हत्या कर शव बदमाशों ने फेंक दिया। मामले में पुलिस पर अपहर्ताओं को 30 लाख की फिरौती दिलाने का भी आरोप लगा था।
गाजियाबाद के विजयनगर में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या। अमेठी में दबंगों से त्रस्त मां-बेटी के लोकभवन के बाहर आत्मदाह करने और अमेठी में ही सेना के जवान के पिता की हत्या सहित कई मामले में पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली कटघरे में है। जिसके कारण मुख्यमंत्री बेहद नाराज हैं।
उनकी यह नाराजगी शुक्रवार को सामने आ गई जब कानपुर में लैब टेक्निशियन की हत्या के मामले में उन्होंने एडिशनल एसपी अपर्णा गुप्ता और सीओ मनोज गुप्ता को निलंबित कर दिया। इसके अलावा कई अन्य पुलिस कर्मियों पर भी सख्त कार्यवाई होने की आशंका जताई जा रही है। मुख्यमंत्री की इस नाराजगी में कई जिलों के पुलिस अफसरों की कुर्सी जा सकती है। उन पर गाज गिरने पर प्रबल संभावना जताई जा रही है।
अपहर्त लैब टेक्नीशियन की हत्या की जांच अब एडीजी बीपी जोगदंड को
कानपुर के बर्रा से अपहर्त लैब टेक्नीशियन की हत्या के मामले की जांच बीपी जोगदंड को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एडीजी बीपी जोगदंड को प्रयागराज से कानपुर बुलाया गया है। कानून-व्यवस्था के मामले में कोई भी समझौता न करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर आज सीएम आवास पर कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक के दौरान ही दिख गए थे।
पुलिस तथा अपराधियों के बीच साठ-गांठ के कई मामले सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ का पारा चढ़ा है। उनके तेवर देखकर अनुमान लगाया जा रहा था कि प्रदेश के पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल जल्दी हो सकता है। इसके साथ ही गाजियाबाद, सीतापुर तथा कौशांबी में लापरवाही बरतने के दोषी पुलिस वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई भी तय है।