Indian Cricketers: जीवन में पढाई का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है. हर माता पिता यही चाहते है की उनका बेटा/बेटी पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी करे और खूब पैसा कमायें. लेकिन कुछ बच्चे होते है जो अपनी पढाई पूरी नहीं कर पाते जिसकी वजह ज्यादातर एग्जाम में फेल होना होती है या उन्होंने बीच में पढाई छोड़ दी होती है. तो चलिए आज नज़र डालते है कुछ ऐसे ही भारतीय खिलाडियों पर जिन्होंने अपनी पढाई बीच में ही छोड़ दी लेकिन क्रिकेट के मैदान में खूब नाम कमाया.
क्रिकेट के चलते बीच में ही पढाई छोड़ने वाले Indian Cricketers
1. सचिन तेंदुलकर
इस लिस्ट में सबसे पहले भारतीय खिलाडी (Indian Cricketer) है सचिन तेंदुलकर. क्रिकेट के भगवन कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट इतिहास में लगभग सभी एग्जाम पास किये है लेकिन उन्होंने अपनी पढाई बीच में ही छोड़ दी थी क्योकि वो बाहरवीं के एग्जाम में फेल हो गये थे. 16 साल ही उम्र में उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और लगभग 25 साल तक वो इंडिया के लिए खेले और लगभग हर बल्लेबाज़ी रिकॉर्ड में उन्होंने अपना नाम दर्ज करवाया था.
2. हार्दिक पंड्या
आईपीएल 2022 की विजेता गुजरात टाइटन्स टीम के कप्तान हार्दिक पंड्या इस समय इंडिया के सबसे बेहतरीन उभरते हुए आलराउंडर कहे जा सकते है. हार्दिक पंड्या एक मिडिल क्लास फॅमिली से आते है. घर पर पैसे की कमी के चलते उन्होंने अपनी पढाई बीच में ही छोड़ दी. आठवी कक्षा तक फ्री में पढाई की वजह से 9वीं में वो एग्जाम ही नहीं दे पाएँ क्योकि वो फीस नहीं चूका सकते थे जबकि एडमिशन के समय स्कूल ने फीस ना लेने की बात कही थी.
3. ज़हीर खान
तेंदुलकर से उल्ट ज़हीर खान में 83% के शानदार नंबरों से बाहरवीं का एग्जाम पास किया था. उन्होंने आगे पढाई करने के लिए प्रवरा कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में अपनी सीट पक्की कर ली थी लेकिन तुरंत ही इंडिया की तरफ से अंडर 19 में खेलें के लिए चयन होने की वजह से उनके पिता ने उनके क्रिकेट खेलने को सपोर्ट किया और उन्हें बीच में ही पढाई छोड़ने की अनुमति दी ताकि पर खेल पर ध्यान लगा सके.
4. राहुल द्रविड़
इंडियन क्रिकेट टीम में दीवार के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ का नाम भी इस लिस्ट में आता है. राहुल द्रविड़ क्रिकेट खेलने के साथ साथ पढाई में भी काफी अच्छे रहे. स्कूल के बाद उन्होंने अपनी कॉमर्स डिग्री भी St. Joseph कॉलेज से पूरी की थी. इसके बाद उन्होंने MBA में भी एडमिशन लिया लेकिन बीच पढाई में उन्हें इंडिया की तरफ से खेलने का ऑफर मिला और उन्होंने अपनी पढाई बीच में छोड़ कर क्रिकेट खेलना शुरू किया.
5. कपिल देव
इंडियन क्रिकेट के सबसे महान खिलाडियों (Indian Cricketer) में से एक साल 1983 में वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव भी अपनी पढाई पूरी नहीं कर पाए है. वो शुरुआत से ही पढाई में थोडा कम रूचि लेते थे. उन्होंने क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान देने के लिए कॉलेज में एडमिशन लेने के बावजूद पढाई बीच में ही छोड़ दी. उनके क्रिकेट करियर को देख कर हम कह सकते है की उनका यह फैसला सही साबित हुआ है.
6. महेंद्र सिंह धोनी
रिपोर्ट्स के अनुसार धोनी ने पढाई बीच में ही छोड़ दी क्योकि वो साल 2010 में इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान (Indian Cricketer) होने के नाते काफी बिजी थे और अपने बी.कॉम के एग्जाम नहीं दे पायें. एग्जाम ना देने की वजह से धोनी अपना ग्रेजुएशन खत्म नहीं कर पाएँ. इसके अलावा वो बिज़नस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटरी प्रैक्टिस का भी फर्स्ट सेमिस्टर क्लियर नहीं पाएँ और 22013 में, उन्हें कॉलेज द्वारा स्नातक की डिग्री देने से इनकार कर दिया गया था.
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