पटना: राजनीति में वंशवाद और परिवारवाद जैसे शब्द तो काफी लंबे समय से चले आ रहे हैं। वहीं करीब हर नेता यह ख्वाइश रखता है कि उनके बाद उनका बेटा ही गद्दी को संभाले रहे। जैसा कि सभी को पता है कि बिहार में चुनाव का समय काफी पास आ रहा है। इस बीच बिहार में लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान की अगली पीढ़ी तो चुनावी मैदान के लिए तैयार है।
वहीं, कई लोगों के जहन में ये सवाल भी उठ रहा है कि वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इकलौते बेटे निशांत कुमार राजनीति में कदम कब रखेंगे। लेकिन आपको बता दें कि निशांत कुमार का ऐसा कोई भी इरादा नहीं है। वह कई बार कह चुके हैं कि उनकी राजनीति में कोई भी दिलचस्पी नहीं है। निशांत बताते हैं कि उन्होंने अपना जीवन अध्यात्म को समर्पित कर दिया है। आज हम आपको उनसे जुड़ी कुछ बातें साझा करने जा रहे हैं।
राजनीति में दिलचस्पी नहीं है
बीआईटी विल्लौर से अपनी पढ़ाई कर पेशे से इंजीनियर निशांत का ध्यान हमेशा से ही अध्यात्म की ओर ज्यादा था। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि उन्हें न ही राजनीति में कोई दिलचस्पी है और न ही इससे जुड़ी हुई कोई अधिक जानकारी उनके पास है। जिसके चलते वह पॉलिटिक्स व मीडिया दोनों से ही दूरी बनाकर रकते हैं।
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पिता से चार गुना अधिक है संपत्ति
सरकारी वेबसाइट के मुताबिक, सीएम नीतीश कुमार की कुल चल-अचल संपत्ति करीब 56.23 लाख रुपये है। लेकिन उनके बेटे निशांत सिंह की संपत्ति उनसे करीब 4 गुना ज्यादा है। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों के चलते वह अपने पिता पर ही निर्भर हैं।
कितनी है नीतीश कुमार व निशांत कुमार की कुल संपत्ति
नीतीश कुमार ने अपनी चल संपत्ति के तौर पर 16.23 लाख रुपए का ब्यौरा दिया है। वहीं, दिल्ली में उनका 1000 स्क्वायर फीट का एक फ्लैट भी मौजूद है, जिसकी कीमत 40 लाख रुपये है। वहीं उनके बेटे निशांत की कुल संपत्ति 2.43 करोड़ रुपए है। वहीं उनकी चल संपत्ति कुल 1.18 करोड़ है, जबकि अचल संपत्ति 1.25 करोड़ की है।
साथ ही नीतीश कुमार व उनकी स्वर्गीय पत्नी की अधिकतर संपत्ति का मालिकाना हक उनके इकलौते बेटे निशांत कुमार का है। बता दें कि नीतीश कुमार की पत्नी मंजू सिन्हा एक शिक्षिका थीं, जिनका साल 2007 में स्वर्गवास हो गया था। जिनकी तरफ से निशांत को एक पोस्ट ऑफिस खाता, बैंक खातों की बचत, ग्रैच्युटी, पटना के कंकड़बाग में एक भूखंड, जीपीएफ और गहने भी मिले हुए हैं।
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