Dharmendra : बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र (Dharmendra) का 89 साल की उम्र में निधन हो गया. 24 नवंबर को वह दुनिया को अलविदा कह गए. उनकी तबियत लंबे वक्त से खराब चल रही थी. धर्मेंद्र का कैंडी अस्पताल में इलाज चल रहा था. लेकिन 12 नवंबर को वह डिस्चार्ज होकर अपने घर लौट गए थे. लेकिन किसे पता था वीरू अब जल्द ही विदा लेने वाले हैं. वहीं, देओल परिवार ने उनकी अस्थियां हरकी पौड़ी की गंगा नदी में विसर्जित कर दी. अब धर्मेंद्र (Dharmendra) के चले जाने के बाद उनकी खानदानी प्रोपर्टी पर बड़ा अपडेट सामने आया है.
Dharmendra ने किसे दी पुश्तैनी जमीन?
धर्मेंद्र बेशक से मुंबई में रहे लेकिन पंजाब के लिए उनका प्रेम कभी कम नहीं हुआ फिल्मों में काम करने के बाद धर्मेंद्र (Dharmendra) को जब भी समय मिलता वह अपने गांव पहुंच जाते, और खेतों में समय बिताते. बता दें कि धर्मेंद्र का पैतृक गांव नसराली, पंजाब है. यहीं पर उनका जन्म था. हालांकि, उन्होंने उनका बचपन साहनेवाल गांव में बिताया और बाद में लुधियाना जिले के डांगो गांव में रहे. डांगो में ही धर्मेंद्र (Dharmendra) की खानदानी जमीन भी थी. जहां वह छुट्टियां बिताने के लिए अक्सर जाया करते थे. लेकिन बड़े दिल वाले वीरू ने गांव की पुश्तैनी जमीन अपने चचेरे भाई को सौंप दी थी. अब उस जमीन की की देखभाल धर्मेंद्र का भतीजा बूटा सिंह देओल कर रहे हैं.
अक्सर अपने गांव जाते थे वीरू
धर्मेंद्र (Dharmendra) के भतीजे बूटा सिंह देओल के अनुसार, साल 2015-16 में वीरू ने अपने कजिन भाई मंजीत सिंह और शिंगारा सिंह को 19 कनाल और 3 मरला की पुश्तैनी जमीन दे दी थी. जब धर्मेंद्र गांव छोड़कर करियर बनाने के लिए मुंबई गए तब उनके पिता और चाचा ने इस जमीन की देखरेख की. हालांकि, धर्मेंद्र गांव में आते-जाते रहते थे और अपने परिवार वालों से मिला करते थे. मुंबई नगरी में रहने के बावजूद धर्मंद्र के दिल में पंजाब बसा करता था. इसलिए वक्त मिलते ही वह अपने गांव पहुंच जाते.
धर्मेंद्र कब गए थे आखिरी बार अपने गांव?
धर्मेंद्र के भतीजे बूटा सिंह ने आगे कहा कि, वह हर साल जमीन की अपडेट देने के लिए मुंबई आया करते थे. दो महीने पहले ही उनकी एक्टर से बात हुई थी. बूटा सिंह ने ये भी बताया कि साल 2019 में धर्मेंद्र (Dharmendra) आखिरी बार अपने गांव आए थे. हालांकि उस वक्त वह अपने बेटे सनी देओल को सपोर्ट करने पहुंचे थे. गौरतलब है कि सनी देओल ने बीजेपी सीट से गुरदासपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था. इसलिए चुनाव प्रचार के दौरान सनी की पार्टी का प्रचार करने के लिए धर्मेंद्र अपने गांव गए थे. वहीं, सनी ने कांग्रेस के उम्मीदवार रहे दिग्गज नेता सुनील जाखड़ को 82459 वोट के भारी-भरकम अंतर से हराया था.
