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‘बैटल ऑफ गलवान’ के असली हीरो संतोष बाबू की कहानी, जिनके आगे चीनी सैनिकों ने मान ली थी हार 

The Story Of Colonel Santosh Babu, The Real Hero Of The Battle Of Galwan.
The story of Colonel Santosh Babu, the real hero of the Battle of Galwan.

Colonel Santosh Babu: सलमान खान की फिल्म ‘बैटल ऑफ गलवान’ का टीजर रिलीज हो चुका है. इस फिल्म में सलमान खान आर्मी अफसर की भूमिका निभाते दिखेंगे. जिन्होंने चीनी सैनिकों से लड़ते-लड़ते अपनी जान गंवा दी. लेकिन क्या आपको मालूम है कि सलमान खान किस शहीद का रोल अदा कर रहे हैं? चलिए तो आज हम आपको रूबरू करवाते हैं शहीद कर्नल बी संतोष बाबू (Colonel Santosh Babu) से, जिनका किरदार सलमान खान ‘बैटल ऑफ गलवान’ में निभा रहे हैं.

कहानी है जून 2020 लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय जवान और चीनी सैनिकों के बीच हुई बड़ी भिड़त की. भारत के लिए यह वो पल था जब पूरी दुनिया जान गई थी अगर सोते हुए शेर को हाथ लगाओगे तो जिंदा नहीं बच पाओगे.

कैसे थे कर्नल संतोष बाबू ?

'बैटल ऑफ गलवान' के असली हीरो संतोष बाबू की कहानी, जिनके आगे चीनी सैनिकों ने मान ली थी हार 

‘बैटल ऑफ गलवान’ के असली हीरो का जन्म तेलंगाना के सूर्यापेट में होता है. बचपन से ही कर्नल संतोष बाबू (Colonel Santosh Babu) एक शांत और अनुशासित बच्चे थे. उनका जीवन सादगी से भरा रहा और स्पष्ट था कि वह बड़े होकर देश की सेवा करेंगे. साल 2004 में उन्होंने ने 16 बिहार रेजिमेंट में कमिशन पाया और सेना में अपनी सेवाएं शुरू की. उनके साथी जवानों ने भी कर्नल बाबू में देश के लिए जीने-मरने का जुनून देखा था. उनका कहना था कि वह हमेशा से एक शांत और मजबूत इरादों वाले शख्स थे.

क्यों हुई गलवान घाटी की लड़ाई?

'बैटल ऑफ गलवान' के असली हीरो संतोष बाबू की कहानी, जिनके आगे चीनी सैनिकों ने मान ली थी हार 

1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान इस घाटी में झड़पें हुई थीं, जब चीन ने भारत की एक चौकी पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद यह इलाका और भी ज्यादा संवेदनशील हो गया. यहां भारत के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ से दौलत बेग ओल्डी (Daulat Beg Oldi – DBO) को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क (DSDBO Road) गुजरती है. जिसे चीन किसी भी तरह रोकना चाहता है. इसी कारण चीन बार-बार इस इलोक में निर्माण करता रहता है. लिहाजा, चीन और भारत के बीच तनाव देखने को मिलता है. 

15 जून 20220 की रात भी चीनी सैनिक अवैध निर्णाण में लगे हुए थी. वहीं, कर्नल संतोष बाबू (Colonel Santosh Babu) अपनी टुकड़ी के साथ गलवान घाटी में समझौते के तहत चीनी सैनिकों के पास अवैध निर्माण को हटाने के लिए बातचीत करने के लिए पहुंचे थे. वहीं, भारतीय सैनिक दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत बिना हथियार के गए थे.

कर्नल संतोष बाबू ने आखिरी सांस तक नहीं मानी हार

हथियारों के बिना भी कर्नल संतोष बाबू (Colonel Santosh Babu) ने चीनी सैनिकों से साफ-साफ कहा, निर्माण हटना ही होगा. लेकिन चीनी सैनिकों ने विरोध शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प शुरू हो गई. पत्थरों, लोहे की रॉडों और क्लबों से हमला हुआ, मगर कर्नल बाबू ने एक कदम भी पीछे नहीं लिया, उन्होंने डटकर मुकाबला किया और अंत तक अपनी टीम को प्रेरित करते रहे.

सरकार ने महावीर चक्र से नवाजा 

'बैटल ऑफ गलवान' के असली हीरो संतोष बाबू की कहानी, जिनके आगे चीनी सैनिकों ने मान ली थी हार 

वादियों में उनकी हुंकार गूंज उठी ‘बिहार रेजिमेंट, आगे बढ़ो!’ इस नारे के साथ उनके साथी सैनिकों ने आँसू पोछे, हौसला बटोरा और डटकर आगे बढ़ते चले गए. जब शहादत की खबर देश पहुंची, तो हर  किसी की आँख नम हो गई. मगर हर देशवासी का सीना चौड़ा हो गया. उनकी छोटी बेटी ने पिता की तस्वीर के सामने खड़े होकर सैल्यूट किया और भारत के वीर को आखिरी विदाई दी. जब यह तस्वीरों पूरे देश के सामने आए तो हर किसी का सीना छलनी था. वहीं, कर्नल संतोष बाबू (Colonel Santosh Babu) के मरणोपरांत उन्हें महावीर चक्र से नवाजा गया. 

Preeti Baisla is a content writer and editor at hindnow, where she has been crafting compelling digital stories since 2022. With a sharp eye for trending topics and a flair for impactful storytelling,...