दिव्यांग ऑटोचालक की EMI भर पुलिस वालों ने बचाया उसका ऑटो. जी हाँ, आपने बिल्कुल सही सुना मध्यप्रदेश में पुलिस वालों ने एक दिव्यांग ऑटोचालक के लिए जो किया वो वाकई में काबिल ए तारीफ है. अक्सर पुलिस वाले ऑटोचालको पर डंडे बरसाते हुए दिख हीं जाते हैं. खासकर ट्रैफिक पुलिस का ऑटोचालको के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहता है, क्योंकि ट्रैफिक व्यवस्था को भंग करने में सबसे बड़ा हाथ ऑटो चालको का ही होता है.
लेकिन आपने कभी किसी पुलिस वाले को किसी ऑटोचालक की मदद करते हुए देखा है. आज हम आपको एक कहानी से रुबुरु करवाएंगे जहां एक दिव्यांग ऑटोचालक का ऑटो फाईनेंस वाले EMI ना जमा करने पर जब्त कर लेते हैं. वहीं जब इस घटना के बारे में पुलिस वालों को पता चलता है तो वो किस तरह उस दिव्यांग का ऑटो वापस दिलवाने में उसकी मदद करते हैं, आइये जानते हैं हमारे इस खास लेख में
मध्यप्रदेश के दिव्यांग ऑटोचालक को भरने थे 35 हजार रुपए
दरअसल घटना मध्यप्रदेश के सिवनी की है, जहां शकील नाम का एक दिव्यांग ऑटोचालक ऑटो चलाकर अपना जीवन यापन करता है. कुछ समय पहले शकील ने एक फाईनेंस कंपनी के द्वारा एक ऑटो खरीदा था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते वो समय पर अपनी 35 हजार की EMI नहीं भर सका तो फाइनेंस वालो ने उसका ऑटो जब्त कर लिया. जब इस घटना की जानकारी सिवनी के कोतवाल महादेव को हुई तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए शकील से पूरी घटना के बारे में जानकारी ली, और फाइनेंस कंपनी से संपर्क किया. इसके बाद महादेव ने अपने थाने के स्टाफ के साथ मिलकर ना सिर्फ शकील का ऑटो वापस दिलवाया बल्कि उसकी ऑटो की EMI भी भर दीं.
अक्सर करते रहते है गरीबों की मदद
आपको बता दें कि सिवनी थाने के कोतवाल महादेव अक्सर जरुरतमंदों की मदद करते रहते हैं. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान भी गरीब लोगों की अपने स्तर से बहुत मदद की थी. अभी हाल ही में महादेव जी ने पांच गरीब बच्चियों के नाम पर 25-25 हजार की एफडी करवाई थी. इससे पहले उन्होंने अपने थाने में एक ‘नेकी की दीवार’ नाम का एक कोष खोला है, जिसमें गरीब जूता, कपड़े, कम्बल आदि जरूरत का सामान वहां से ले सकते हैं. सलाम है ऐसे महान व्यक्ति का जो लोगों के लिए इतना सोचता है हम उनकी दीर्घायु की मंगल कामना करते हैं.