उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक अजाबो-गरीब मामले में भगवान को मृत घोषित कर दिया। एक शख्स ने यह फर्जीवाड़ा करके सब को चौंका दिया है। इस शख्स ने मंदिर की जमीन को हड़पने के लिए भगवान कृष्ण-राम को ही मृत घोषित कर दिया। खबर के सामने आते ही उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने एसडीएम को जांच के आदेश दिए हैं।
आम आदमी को भगवान कृष्ण-राम का फर्जी पिता बनाया
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज के कुशमौरा में एक इंसान ने अजीबो-गरीब फर्जीवाड़े से सबको चौका दिया है। इस इंसान ने मंदिर की ज़मीन को हड़पने के लिए भगवान कृष्ण-राम को मृत घोषित कर दिया है।
हिंदुस्तान अखबार की खबर के मुताबिक, इस शख्स ने पहले तो कानूनी कागजातों में एक आम व्यक्ति को भगवान कृष्ण-राम का फर्जी पिता बनाया। इसके बाद फिर दिखाया कि भगवान कृष्ण राम की मृत्यु हो गई है, जिसके बाद कानूनी तौर पर जमीन का मालिकाना हक फर्जी पिता को दिला दिया गया।
मंदिर ट्रस्ट की शिकायत से पता चला मामला
इस फर्जीवाड़े का पता तब चला जब मंदिर ट्रस्ट की शिकायत नायब तहसीलदार से होते हुए कलेक्टर के ऑफिस तक पहुंच गई। लेकिन न्याय जब नहीं मिला तो मामला उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा तक जा पहुंचा, जिसके बाद उपमुख्यमंत्री ने एसडीएम जांच के लिए आदेश दिए हैं।
यह जमीन भगवान कृष्ण-राम के नाम पर रजिस्टर्ड कराई हुई थी। जमीन मोहनलालगंज इलाके के कुसमौरा हलुवापुर गांव में है। कुछ समय पहले गया प्रसाद नाम के व्यक्ति को जमीन के कागजातों में भगवान कृष्ण-राम के पिता के तौर पर जोड़ा गया था।
कितना पुराना है मामला
उत्तर प्रदेश में जब 1987 में जमीन का एकीकरण हुआ तो भगवान कृष्ण-राण को मृत घोषित कर दिया गया, और मंदिर ट्रष्ट को गया प्रसाद के नाम पर ट्रांसफर कर दिया और पूरी संपत्ति भी उन्हीं के नामे पर हो गई। इसके बाद साल 1991 में गया प्रसाद को भी मृत घोषित कर दिया गया और फिर मंदिर ट्रस्ट को प्रसाद के दो भाईयों- रामनाथ और हरिद्वार के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया।
इस फर्जीवाड़े की जांच में अब एसडीएम ने यह भी बताया कि मंदिर की जमीन को स्थानीय ग्राम सभा में बंजर जमीन बताया गया है। फिलहाल इस विवाद को एसडीएम कोर्ट में चुनौती दी गई है और मामले की सुनवाई अभी चल रही है।