कानपुर के बीकरु गाँव में हुए पुलिस हत्याकांड में मोस्ट वांटेड विकास दुबे एनकाउंटर के बाद राजनितिक गलियारों में खलबली मची हुई है, जहां भाजपा समर्थक इसे जायज ठहरा रहे हैं, तो वहीं भाजपा के विरोधी पार्टी इसे फेक एनकाउंटर मान रही है और इसके निष्पक्ष जांच की मांग कर रही हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विकास दुबे एनकाउंटर के बाद ब्राह्मण समाज खुद को भयभीत और असुरक्षित महसूस कर रहा है।
अपराधी की सजा पूरे समाज को न मिले—-
1. बीएसपी का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित व कटघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए। इसीलिए कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड के दुर्दान्त विकास दुबे व उसके गुर्गों के जुर्म को लेकर उसके समाज में भय व आतंक की जो चर्चा गर्म है उसे दूर करना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) July 12, 2020
मायावती ने एक ट्वीट के जरिये कहा कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर पूरे समाज को कटघरे में नही खड़ा करना चाहिये। विकास दुबे और उसके गुर्गे के जुर्म को लेकर जो समाज में भय और आतंक की जो चर्चा गर्म है, उसे सरकार को दूर करना चाहिये।
ब्राह्मण समाज असुरक्षित महसूस कर रहा—–
2. साथ ही, यूपी सरकार अब खासकर विकास दुबे-काण्ड की आड़ में राजनीति नहीं बल्कि इस सम्बंध में जनविश्वास की बहाली हेतु मजबूत तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई करे तो बेहतर है। सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे अब ब्राह्मण समाज भी यहाँ अपने आपको भयभीत, आतंकित व असुरक्षित महसूस करे।
— Mayawati (@Mayawati) July 12, 2020
मायावती ने आगे कहा कि खास कर यूपी सरकार विकास दुबे कांड की आड़ में राजनीति नही बल्कि इस संबंध में जनविश्वास की बहाली हेतू मजबूत तथ्यों के आधार पर कार्यवाही करे। सरकार ऐसा कोई काम न करे, जिससे ब्राह्मण समाज असुरक्षित और भयभीत महसूस करे।
मायावती ने दी सरकार को नसीहत—–
3. इसी प्रकार, यूपी में आपराधिक तत्वों के विरूद्ध अभियान की आड़ में छांटछांट कर दलित, पिछड़े व मुस्लिम समाज के लोगों को निशाना बनाना, यह भी काफी कुछ राजनीति से प्रेरित लगता है जबकि सरकार को इन सब मामलों में पूरे तौर पर निष्पक्ष व ईमानदार होना चाहिए, तभी प्रदेश अपराध-मुक्त होगा।
— Mayawati (@Mayawati) July 12, 2020
मायावती ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस प्रकार यूपी में भाजपा आपराधिक तत्वों के विरुद्ध अभियान की आड़ में छांट कर दलित, पिछड़े और मुस्लिम समाज के लोग को निशाना बना रही है, इस पर राजनीति हो रही है। सरकार को इस मामले में पूरी तरीके से निष्पक्ष और ईमानदार होना चाहिये।