राजस्थान: मुख्यमंत्री गहलोत की बढ़ी मुश्किलें, भाजपा लाएगी अविश्वास प्रस्ताव

राजस्थान में कल से विधासभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। जिसकी सीएम अशोक गहलोत बार- बार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र को लिखकर सत्र बुलाने की मांग कर रहे थे। लगभग दो महीने के सियासी उठपठक के बाद पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की कांग्रेस पार्टी में वापसी हो गई है।

उधर, बीजेपी ने ऐलान कर दिया है कि- वो कल ही सदन में गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। ऐसे में अशोक गहलोत सरकार के सामने बहुमत साबित करने का संकट खड़ा हो सकता है, क्योंकि सचिन पायलट के साथ जो 18 विधायक बागी होकर चले गए थे। वो सभी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के पक्ष में वोट डालेंगे।

कांग्रेस अपने घर में टांका लगाकर कपड़े को जोड़ना चाह रही है – BJP नेता

राजस्थान: मुख्यमंत्री गहलोत की बढ़ी मुश्किलें, भाजपा लाएगी अविश्वास प्रस्ताव

विधानसभा में बीजेपी के नेता गलाबचंद कटारिया ने कहा कि- कांग्रेस अपने घर में टांका लगाकर कपड़े को जोड़ना चाह रही है, लेकिन कपड़ा फट चुका है. ये सरकारा जल्द ही अलप्त में जाकर गिरने वाली है। वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि ये सरकार अपने विरोधाभास से गिरेगी, बीजेपी पर ये झूठा आरोप लगा रहे हैं, लेकिन इनके घर के झगड़े से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है।

आपकों बता दें कि- गुरूवार को ही भारतीय जनता पार्टी ने जयपुर में अपने विधायक दल की बैठक की। इसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी शामिल हुई, जबकि केंद्रीय अगुवाई की तरफ से प्रतिनिधि ने भी बैठक में शिरकत की।राज्यपाल के आदेश के बाद 14 अगस्त से विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। हालांकि, गहलोत सरकार द्वारा अभी सिर्फ कोरोना काल,लॉकडाउन और अन्य मुद्दों पर चर्चा की बात कही गई थी। इस बीच अगर भारतीय जनता पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो चर्चा के बाद अशोक गहलोत सरकार को अपना बहुमत साबित करना ही होगा।

कांग्रेस के लिए बहुमत साबित करना आसान नहीं होगा

बगावत करने वाले सचिन पायलट एक बार फिर कांग्रेस में वापस लौट आए हैं, गुरूवार शाम को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन- गहलोत ने एक- दूसरे से मुलाकात की। ये भी बात सामने आ रही है कि पायलट खेमें की वापसी से कई विधायक नाराज हैं और इसकी ही चिंता पार्टी आलाकमान को सता रही है।

बहुजन समाज पार्टी के विधायकों के विलय का मामला भी अभी अदालत में विचारधीन है, ऐसे में अशोक गहलोत सरकार के सामने पायलट गुट को मनाने के साथ-साथ अपने कैंप के विधायकों को भी साथ रखने की चुनौती होगी।

आपकों बताते चलें कि- राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं, इनमें से 107 का आंकड़ा कांग्रेस के पास है। इसके साथ ही कई निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है, जबकि बीजेपी के पास साथी पार्टियां मिलाकर 76 का आंकड़ा है, लेकिन हाल ही में हुए मनमुटाव के एपिसोड के बाद बहुमत साबित करना इतना आसान नहीं होगा।

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