सुशांत सिंह राजपूत केस अब और भी पेचिदा नज़र आ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि सुशांत केस में या तो महाराष्ट्र पुलिस या फिर ड़ॉक्टरों की तरह से लापरवाही दिखाई गई है, जिससे सुशांत की मौत का सही कारण सामने नहीं आ पा रहा है। एम्स में पूछताछ के बाद पता चला है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी साइंसेज विभाग द्वारा प्राप्त विसरा रिपोर्ट में बहुत कम जानकारी के साथ ही यह विकृत है।
कब हुआ था विसरा का परीक्षण
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए नई दिल्ली में एम्स के फोरेंसिक विभाग में शुक्रवार की शाम को विसरा का परीक्षण हुआ। सूत्रों की मानें तो विसरा को विकृत कर दिया गया है।यह रासायनिक और विषाक्त (टॉक्सिकोलॉजिकल) विश्लेषण को वास्तव में मुश्किल बनाता है.”
विसरा परीक्षण से खुल सकता है मौत का राज
विसरा परीक्षण के बाद आने वाले नतीजे ही सुशांत केस को सुलझाने में मदद कर सकते है। वैसे तो सीबीआई ने केस को अपने आड़े हाथ लिया ही हुआ है।बहुत जल्द सुशांत की मौत के पीछे का कारण ड़्रग्स का ओवरडोज था या महज एक आत्महत्या । इस राज से पर्दा हट ही जाएगा।विसरा विश्लेषण से बॉलीवुड स्टार की मौत का सही तरीके से पता चल सकेगा।
पोस्टमार्टम के समय पुलिस को सौंपा गया विसरा
कपूर पोस्टमार्टम सेंटर के चिकिसा अधिकारी संदीप इंगले ,प्रवीण खंदारे और गणेश पाटिल वहां थे। इसके साथ ही मुंबई में फोरेंसिक मेडिसिन के दो एसोसिएट प्रोफेसर थे।
विसरा को एक बोतल में संरक्षित किया गया और पुलिस को सौंप दिया गया। इसके बाद विसरा नमूना को मृत्यु की स्थिति में विषाक्तता या नशा से मुक्त करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए भेजा गया ।
इसके बाद केस की बागड़ोर सीबीआई को सौंप दी गई। केस के संबंध में मुंबई पुलिस ने कई गवाहों से पूछताछ की और फॉरेंसिक जांच की, लेकिन महत्वपूर्ण विसरा के नमूने का परीक्षण नहीं किया।
एम्स के डॉक्टरो को घटनाओं का आंकलन करने और फोरेंसिक से संबंधित दस्तावेजों की जांच करने के लिए दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना किया गया था ।