ऋषिकेश: भारत चीन विवाद के बीच भारतीय वायुसेना की सक्रियता देश में तेजी से बढ़ी है। लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों से लेकर चीन के साथ भारत की हर इक सीमा पर भारतीय वायुसेना ने अपने बेहतरीन लड़ाकू विमानों के साथ गश्त शुरू कर दी है। भारतीय वायुसेना के इन विमानों में मिराज, तेजस सुखोई mig समेत सभी जंगीप्लेन शामिल हैं इसी बीच अब गौर करने वाली बात ये भी है कि भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा ग्लोबमास्टर मालवहक प्लेन उत्तराखंड के जॉली ग्रांट हवाईअड्डे पर देखा गया है।
क्या है इस ग्लोबमास्टर की खासियत
ग्लोबमास्टर मालवहक दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक जहाज है जिसकी विशेषता अपनी श्रेणी में सर्वोच्च माना जाता है भारतीय वायुसेना के इस विमान ने कारगिल लद्दाख समेत उत्तरी पूर्वी विभाग के बड़े क्षेत्रों में अपनी लैंडिंग करके दुश्मनों के मन में खलबली मचा चुका है, ऐसे में इस ग्लोबमास्टर का इस बड़े और महत्वपूर्ण हवाईअड्डे पर भारतीय वायुसेना की सक्रियता के संकेत दे रहा है।
जारी है सीमा विवाद
लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ झड़प में भारतीय सेना के 20 जवानों की शहादत के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक के बाद भारतीय सेना के तीनों महकमों (जल, थल, नभ) को सीमा पर कार्रवाई की खुली छूट दे दी है, और सी छूट का नतीज़ा है कि कि भारतीय वायुसेना सीमा पर पूरी सक्रियता और सतर्कता के साथ हर मोर्चे पर अपने सर्वश्रेष्ठ युद्धक एयरक्राफ़्ट्स के साथ हवाई सीमा में गश्त में कर रही है।
महत्वपूर्ण है उत्तराखंड की सीमा
उत्तराखंड का एक बड़ा भारतीय क्षेत्र चीनी सीमा से जुड़ा है। भारत ने इन सीमाओं पर अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने के साथ ही फौजी जमावाड़ा तैनात कर दिया है। ऐसे में भारतीय वायुसेना का सबसे बड़े मालवाहक विमान सी-17 ग्लोबमास्टर का जॉली ग्रांट हवाईअड्डे प्रर लैंड और थोड़ी ही देर में फिर टेक ऑफ कर दूसरे क्षेत्र पर उड़ना भारतीय वायुसेना की सजगता और मामले की अतिसंवेदनशीलता को जाहिर करता है।
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