वॉशिंगटन: अमेरिका कोरोनावायरस के बाद से ही चीन के खिलाफ मुखर हो गया है लंबें वक्त से दोनों देश के बीच ट्रेंड वॉर चर रहा है, इसी बीच अब भारत-चीन विवाद और गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ चीनी सैनिकों की झड़प के मामले में अमेरिका ने चीन को फटकार लगा दी है। अमेरिका के विदेश मंत्री ने माइक पॉम्पियो ने ची की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार की जमकर आलोचना करते हुए और भारत के हक में बयान दिए हैं।
पुराने रास्ते पर चल रही कम्युनिस्ट पार्टी
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा कि
“चीन की कम्युनिस्ट पार्टी नाटो जैसी संस्थाओं के माध्यम से बनाई गई स्वतंत्र दुनिया को एक बार फिर से पुराने रास्ते पर लाना चाहती है।”
अमेरिका ने चीन पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए कहा कि
“नाटो ऐसे नए नियम बना रहा है जो चीन की मदद करें, लेकिन ये विश्व के लिए बेहद ख़तरनाक हैं।”
यही नहीं अमेरिका ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को ही कोरोनावायरस के मामलों को छिपाने का आरोप लगाया है और WHO पर अपना दबाव बनाकर एक एजेंडा चलाया और इसी कारण पूरी दुनिया में कोरोनावायरस का फैलाव होने से जान-माल का विराट नुकसान हुआ।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला
अमेरिका ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर आरोप लगाते हुए भारत के समर्थन में कहा कि
“भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और फिर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी भारत पर हमला और क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करके सीमा विवाद को बेवजह बढ़ा रही है, जो बेहद शर्मनाक है।”
चीन कर रहा दादागिरी
अमेरिका की ओर से पक्ष रखते हुए पॉम्पियो ने कहा कि चीनी सैनिकों द्वारा लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हिसंक झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों के लिए वे दुख जाहिर करते हैंं। अमेरिका ने कहा कि चीन हर तरफ दादागिरी कर रहा है, वो दक्षिण चीन सागर पर सैन्य क्षमता बढ़ाता जा रहा है और गैरकानूनी ढंग से उस क्षेत्र पर अपना दावा कर रहा है, जिससे समुद्री नौवाहन को लेकर ख़तरे की आशंकाएं बढ़ गईं हैं।
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