कोरोना में गई नौकरी तो यूनिफार्म पहनकर खाना बेचने लगा पायलट

कोरोना महामारी ने दुनिया भर में लोगों का बहुत नुकसान हुआ है. इस दौरान जहां दिहाड़ी मज़दूरों के सामने भुखमरी जैसी दिक्कते उत्पन्न होने लगी तो वहीं न जाने कितने लोगों की नौकरी चली गई. मुसीबत के इस समय में लोगों ने अपना घर चलाने के लिए तरह-तरह के काम किए. किसी टीचर ने सड़क पर सब्जियां बेची, किसी ने गांव में खेती-किसानी शुरू की, तो किसी ने मज़दूरी शुरू कर दी. ऐसे ही एक जब  मलेशियाई पायलट अजरीन मोहम्मद जाववी की नौकरी छूटी तो उन्होंने अपने रोजगार और घर चलाने के लिए  फूड स्टॉल शुरू कर दिया.

एयरलाइन्स में काम करता था युवक

कोरोना में गई नौकरी तो यूनिफार्म पहनकर खाना बेचने लगा पायलट

वो मलेशिया की मालिंडो एयरलाइन्स में बटौर पायलट काम करते थे. जब नौकरी गई, तो उन्होंने गर चलाने के लिए के लिए फूड स्टॉल लगा लिया. जाववी जिस तरह से अपना फूड स्टॉल चला रहे हैं, वो अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. सफेद यूनिफॉर्म और सिर पर काली हैट पहनकर 44 साल के जाववी को कुआला लंपुर के बाहरी इलाके में लोगों को खाना परोसते हुए देखा जा सकता है.

डेली का है ये रूटीन

करीब दो दशक तक पायलट की नौकरी करने के बाद उन्हें खाने की एक छोटी सी दुकान चलाते हुए देखना लोगों को हैरान कर रहा है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कोरोना महामारी के कारण मलेशिया की कई एयरलाइन्स बंद हो गई, जिसमें जवावी जैसे कई लोगों की नौकरी चली गई. जवावी मीडिया को बताते हैं कि नौकरी जाने के बाद उन्हें आमदनी की ज़रूरत थी. परिवार में पत्नि समेत चार बच्चे हैं. इस कारण उन्होंने फूड स्टॉल शुरू कर दिया.

दो दशक तक की पायलट की नौकरी

कोरोना में गई नौकरी तो यूनिफार्म पहनकर खाना बेचने लगा पायलट

करीब दो दशक तक पायलट की नौकरी करने के बाद उन्हें खाने की एक छोटी सी दुकान चलाते हुए देखना लोगों को हैरान कर रहा है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कोरोना महामारी के कारण मलेशिया की कई एयरलाइन्स बंद हो गई, जिसमें जवावी जैसे कई लोगों की नौकरी चली गई. जवावी मीडिया को बताते हैं कि नौकरी जाने के बाद उन्हें आमदनी की ज़रूरत थी. परिवार में पत्नि समेत चार बच्चे हैं. इस कारण उन्होंने फूड स्टॉल शुरू कर दिया.

 

 

 

 

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मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...