आगरा के सेंट जोंस चौराहे के पास फुटपाथ पर रोटी वाली अम्मा सुबह इसलिए 20 सालों से अपने मिट्टी के चूल्हे पर रोटियां बनाती थी. अम्मा के पति की बीमारी के कारण व फुटपाथ पर बैठकर अपनी जिंदगी की गाड़ी का पहिया आगे बढ़ा रही थी. जब उनके पति की मौत हो गई और साथ ही लॉकडाउन तो वह पूरी तरह से टूट चुकी थी. उनके परिवार वाले और उनके बेटे ने भी उनको अलग कर दिया था वह लोग उनको छोड़कर अलग रहने चले गए थे.
बदल गई है अम्मा की जिंदगी
मिट्टी के चूल्हे पर रोटी सेकते हुए वह अपनी जिंदगी का गुजारा कर रही थी. लेकिन अब अचानक उनकी जिंदगी बदल चुकी है. रोटी वाली अम्मा के फुटपाथ की तस्वीरें कुछ और ही नजारा दिखा रहीं हैं. इस समय उनके पास एक चमचमाता हुआ अच्छा खासा ठेला है, और साथ ही उनके सिर पर पन्नी की जगह पर मजबूत स्टील की छत भी हो गयी है.
इतना ही नहीं पहले वह पसीने से भीगते हुए अपना काम करती थी, लेकिन अब हवा खाने के लिए अच्छा खासा पंखा भी छत के ऊपर लगा हुआ है. अम्मा अब प्लास्टिक के स्टूल पर बैठ कर आराम से अपना काम करती हैं. बता दे पहले वह जमीन पर बैठ कर अपना काम करती थी. अम्मा भगवान देवी के पास अब मिट्टी के चूल्हे की जगह गैस के चूल्हे आ गए हैं और साथ ही उनके चेहरे की मुस्कान भी वापस आ गई है. तस्वीरों में उनकी मुस्कान, आंखों की चमक और राहत की सांस साफ देखी जा सकती हैं.
लोग मदद के लिए बढ़े आगे
रोटी वाली अम्मा यानी कि भगवान देवी की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है. उनकी ये तस्वीरें और व्यथा जब मीडिया के द्वारा लोगों तक पहुंची तो लोग उनकी मदद करने के लिए आगे बढ़ आए हैं. कोई उनके साथ सेल्फी ले रहा है तो कोई उनके हाथ से बनी हुई रोटी और पराठे का स्वाद ले रहा है. लोगों को उनका खाना खूब पसंद आ रहा है. बता दें कि यह सब इसलिए संभव हो सका है क्योंकि भगवान देवी के अकाउंट में प्रधानमंत्री स्व निधि योजना के तहत ₹10000 पहुंच चुके हैं. इन रुपयों के साथ-साथ कई मददगार लोग भी अलग-अलग तरह से उनका.
यूरो सेफ्टी ग्रुप आफ कंपनीज ने की सहायता
रोजर फाउंडेशन के सहयोग द्वारा यूरो सेफ्टी ग्रुप आफ कंपनीज ने रोटी वाली अम्मा को नया ठेला दिलवाया था. पहले वह चूल्हे पर खाना बनाती थी, लेकिन अब वह गैस पर खाना बनाती हैं. ठेले के साथ-साथ कंपनी ने उन्हें गैस सिलेंडर, पंखा, रात के लिए लाइट और डस्टबिन की भी सुविधा उपलब्ध करवा दी है. जानकारी के मुताबिक यूरो सेफ्टी की शगुफ्ता ने बताया कि, ” हमने रोटी वाली अम्मा में देवी का रूप देखा उनकी इस उम्र में भी वह जिंदगी को जिंदादिली से जी रही हैं जो वाकई काबिले तारीफ है”.
अम्मा ने सभी को कहा शुक्रिया
इस मदद के बाद अब हजारों ग्राहक और मददगार भगवान देवी के पास मदद करने के लिए पहुंच चुके हैं. लोग वहां पर जाकर खाना खा रहे हैं और तस्वीरें खींच रहे हैं. तस्वीरों में अम्मा भी बहुत खुश नजर आ रही है. अम्मा ने सभी को अपने हाथ से बने हुए पनीर के पराठे खिलाएं और सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद भी किया है.