लद्दाख : सीमा का विवाद सुलझाने के बाद भी चीन अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा. बता दें कि बीते 29 और 30 अगस्त की रात चीन के सैनिकों ने लद्दाख में पैंगॉन्ग झील की दक्षिणी पहाड़ी पर करने की कोशिश की थी. 31 अगस्त को भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हमारे जवानों को उसकाने की कोशिश की गई. हालांकि वो इस काम में नाकामयाब रहें, लेकिन फिर उसके अगले दिन 1 सितंबर को चीन के सैनिकों ने चुनार इलाके में घुसपैठ करने करना चाहा, लेकिन एक बार हमारे भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें खदेड़ दिया। इससे साफ़ जाहिर होता है कि चीन अपनी आदत से बाज़ नहीं आने वाला।
एलएसी से 20 किलोमीटर दूर होगी आज लगातार तीसरे दिन बैठक
भारत और चीन के बॉर्डर पर तैनात सेनाओं के बीच तनाव काफ़ी बढ़ चूका है. ब्रिगेड कमांडर लेवल के अफसर लगातार आज तीसरे दिन मीटिंग करेंगे। मीटिंग चुशूल सेक्टर के मॉल्दो में होगी, यह इलाका एलएसी से 20 किलोमीटर दूर है. इससे पहले की बैठक में भारत ने चीन से साफ़ तौर पर कहा है कि वो अपने फ्रंटलाइन सैनिकों को काबू में रखें.
सूत्रों के हवाले से ख़बर चीन ने “1962 के युद्ध को याद दिलाते हुए दी धमकी”
सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि चीन के एक सरकारी अखबार “ग्लोबल टाइम्स” ने 1962 के युद्ध को याद दिलाते हुए धमकी दी है कि चीन के सेना से भारत अपनी रक्षा नहीं कर सकता। चीन लद्दाख सीमा पर स्थित कई चोटियों पर अपना दावा करता है. वह पैंगॉन्ग झील के पूरे दक्षिणी हिस्से और स्पांगुर गैप पर कब्ज़ा करना चाहता है. गलवान से लेकर पैंगॉन्ग के उत्तरी छोर और देपसांग में 5 महीने से चीन अपने चाल के तहत कार्य कर रहा है. अब वह दक्षिणी छोर पर इस नीति को अपना रहा है.
भारतीय सेना को देख उड़े चीनी सैनिकों के होश
वहीं सूत्रों के मुताबिक यह भी ख़बर है कि भारतीय सेना को पहले ही इंटेलीजेंस इनपुट मिल गया था, जिसके जरिये उन्होंने ये पता चला था कि चीन के सैनिक पैंगॉन्ग झील के दक्षिण चोर में नया मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं. इस आधार पर भारतीय सेना ने दक्षिणी छोर पर एलएसी के ठिकानों पर अपने जवान तैनात कर दिए. परिणामस्वरूप चीन के 500 सैनिक जब 29-30 जनवरी की रात को घुसने की कोशिश की तब हमारे जवानों को देख उनके होश उड़ गए.
एलएसी मामले में भारत की स्थिति है बिलकुल साफ
सेना के सूत्राधार के मुताबिक, दक्षिणी पैंगॉन्ग का विवादित इलाका पूरी तरह से भारत के कब्जे में है. यहाँ पर पहले से ही भारत के जवान हमेशा तैनात रहते है. आपको बता दें कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के मामले को लेकर भारत की स्थिति बिलकुल साफ है. भारत के इस दावे के बाद चीन के अंदर बौखलाहट दिखाई दी.
चीन ने भारत से इस मुद्दे को सुलझाने में सहयोग की बात की
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि, ‘‘भारत और चीन के बीच विवाद में सीमा तय नहीं होना है. जिसकी वजह से हमेशा समस्या बनी रहेगी। फिर भी हम भारत से बातचीत के जरिए इस मुद्दे सुलझाने में सहयोग के लिए तैयार हैं’’.
दूसरी ओर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चुनयिंग ने कहा कि, “दोनों पक्षों को अपने-अपने तथ्यों को ध्यान में रखना चाहिए, ताकि दोनों के रिश्तों में कोई बाधा न आए और सीमा पर हमेशा शांति बनी रहे. चीन न ही युद्ध भड़काने में विश्वास रखता है, न ही हमने किसी दूसरे देश की जमीन कब्जा किया है”
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