वाराणसी- धर्मनगरी वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में बने ज्ञानवापी मस्जिद के समीप खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिरों के अवशेष मिले हैं। खुदाई के दौरान पुरातन मंदिरों के जो अवशेष मिले हैं, इन अवशेषों की जांच के लिए पुरातत्व विभाग की मदद ली जा रही है। एक बार फिर यह विवाद सामने आ रहा है कि मुगल शासन काल में वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में बने ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिरों के ऊपर बनाया गया है।
16वीं शताब्दी के मंदिर के अवशेष हैं
विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए खुदाई के दौरान जो मंदिर के अवशेष मिले हैं, उसकी जांच के लिए पुरातत्व टीम ने मौका मुआयना किया। विश्वनाथ मंदिर में टीम उस जगह पहुंची जहां से ये अवशेष मिले हैं। टीम ने कई एंगल से अवशेष और आसपास के जगह की तस्वीरें लीं। साथ ही जिस जगह सुरंग की चर्चा थी, वहां भी जांच की।
करीब एक घंटे से ज्यादा समय तक पुरात्तव टीम वहां रही। इसके बाद जांच के लिए अवशेष के कुछ हिस्से लेकर टीम चली गई। लेकिन कोई भी अधिकारी इस संवेदनशील मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बच रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक ये अवशेष 16वीं शताब्दी के मंदिर का बताया जा रहा है।
ज्ञानवापी मस्जिद से 10-15 मीटर दूर मिले मंदिर के अवशेष
सूत्रों के अनुसार मंदिर के अवशेष पुतलीबाई धर्मशाला के नजदीक से मिले हैं और ज्ञानवापी मस्जिद से इसकी दूरी 10-15 मीटर है। ये अवशेष मंदिर के हैं और 16वीं शताब्दी के बताए जाते हैं। चर्चा के मुताबिक, मंदिरों के जो कलात्मक अवशेष निकले, उसमें कलश और कमल के फूल साफ नजर आ रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि संत समिति हमेशा से कोर्ट और सार्वजनिक रूप से मांग करती आई है कि ,इस स्थान की भारतीय पुरातत्व विभाग की निगरानी में खुदाई हो, और यहां से मिले अवशेष के आधार पर ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर पर फैसला लिया जाना जाना चाहिए।