कठिन परिश्रम सफलता की कुंजी है ये तो हम सब ने सुना है लेकिन इस कहावत को सच किया है मामूली से दुकानदार की बेटी ने । इस बेटी ने सपनों को केवल सो कर देखा ही नहीं बल्कि उनको पूरा करने की भी ठानी और आज सफलता के शिखर पर अपना नाम लिख चुकी है। इस बेटी का नाम नमामि बंसल है, जिसने घर की स्थिति को देखते हुए बिना कोचिंग किए अपने सपनों को पूरा किया। ऐसा हमेशा कहा जाता है कि सभी सुख-सुविधाओं में रहने वाले बच्चे वो नहीं कर पाते जो गरीबी से जूझते हुए बच्चे कर जाते है। उस उदाहरण को नमामि ने बिलकुल सच कर दिखाया है।
कौन है ये नमामि बंसल
नमामि बंसल लाजपत राय मार्ग ऋषिकेश की निवासी हैं। इनके पिता राजकुमार बंसल का ऋषिकेश में ही बर्तन की दुकान है। नमामि ने बिना कोचिंग किए घर पर पढ़ाई कर के यूपीएससी की परीक्षा पास की । नमामि के पिता राजकुमार बंसल ने बताया कि जब उनको फोन में बेटी के आईएएस बनने की खबर मिली तो वो खुशी से झूम उठे।
बतातें चलें कि नमामि ने अपनी प्राथमिक स्तर से लेकर इंटर तक की शिक्षा एनडीएस गुमानीवाला से ली है। नमामि के दसवीं में इनके 92.4 प्रतिशत अंक आए थे और इंटर में इनके 94.8 प्रतिशत अंक आए थे। इतने अच्छे अंक लाकर इन्होंने ऋषिकेश का नाम रोशन किया था।
गोल्ड मेडल से सम्मानित की गई नमामि
एमए में ओपन यूनिवर्सिटी की नमामि बंसल टॉपर रही हैं। नामामि को राज्यपाल के. के पाल द्वारा 17 अप्रैल 2017 को गोल्ड़ मेंडल से सम्मानित किया गया। नमामि बंसल ने यह बताया था कि परीक्षा पास करने के लिए उन्होंने किसी भी प्रकार की कोचिंग नहीं ली है। इंटरनेट की सहायता से इन्होंने विषयों की तैयारी की थी। अपने दम पर इन्होंने परीक्षा पास की है।