Pakistan Black Day : जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की बेताबी किसी से छिपी नहीं है। जिस दिन से जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हुआ है उस दिन से पाकिस्तान का गुस्सा और दुख लगातार बना हुआ है। पाकिस्तान की आतंकी फितरत ही उनके भारत के साथ रिश्ते खराब करता आया है।
दोनों देशों के बीच जो भी खटास है वो सिर्फ और सिर्फ पाक की वजह से ही है। लेकिन पाक उल्टा इन सब का दोषी भारत को मानता है। आपको बता दें, पाक कश्मीर की वजह से 27 अक्टूबर को ब्लैक डे मनाता है। आइये जानते हैं क्या है इस दिन को पाकिस्तान के ब्लैक डे के तौर मनाने के पीछे की वजह?
क्यों ब्लैक डे मनाता है पाकिस्तान?

साल 1947 से लेकर आज तक पाकिस्तान हर साल 27 अक्टूबर को ब्लैक डे के रूप में मनाता है। ये मामला दरअसल कश्मीर से जुड़ा हुआ है। 15 अगस्त 1947 को बंटवारे के बाद भारत को आजादी मिली थी। जिसके बाद से ही पाकिस्तान ने भारत को अपने दुश्मन के तौर पर देखना शुरू कर दिया था।
आपको बता दें, जब सरदार वल्लभ भाई पटेल देश की रियासतों को जोड़ देश के एकीकरण का काम कर रहे थे तब पाकिस्तान की नजर कश्मीर पर टिकी हुई थी। जम्मू और कश्मीर स्वतंत्र रियासत थी और महाराजा हरि सिंह को भी पाकिस्तान या भारत में विलय होने के लिए पूछा गया था, लेकिन हरि सिंह कश्मीर को स्वतंत्र रियासत रखना चाहते थे।
पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर में किया था हमला

बस फिर क्या था आजादी के बाद से कश्मीर पर नजर गड़ाए बैठे मोहम्मद अली जिन्ना ने कश्मीर पर आक्रमण कर उसे हथियाने की कई बार कोशिश की लेकिन वे हर बार नाकामयाब रहेइन। 23 अक्टूबर को पाकिस्तानी सेना कबायलियों के भेष में कश्मीर पर हमला करने आगे बढ़ी। और 24 अक्टूबर को हजारों कबायलियों ने कश्मीर पर हमला कर दिया। तब कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी और शर्त के रूप में उन्होंने भारत के साथ विलय का समझौता किया। 26 अक्टूबर को गवर्नर लॉर्ड माउंटबेटन ने इसे स्वीकार कर लिया।
सेना ने दिलाई थी आजादी

जिसके बाद भारतीय सेना ने 27 अक्टूबर 1947 को जम्मू और कश्मीर में घुसे पाकिस्तानी सेना को खदेड़ भगाया। सेना ने कश्मीर को आजाद करा लिया। पाकिस्तान इस घटना को कश्मीरियों की आत्मनिर्णय के अधिकार के विरोध में मानता है। यही वजह है की पाकिस्तान 27 अक्टूबर को ब्लैक डे (Pakistan Black Day) मनाता है। ताकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस विवाद की ओर खींचा जा सके। पड़ोसी देश का ऐसा मानना है कि ये कश्मीर के साथ अन्याय था और कश्मीर को भारत के साथ जबरन जोड़ा गया था।