Venkateswara Temple: आंध्र प्रदेश के वेंकटेशवर मंदिर में एकादशी के मौके पर भगदड़ मची. जिसके कारण 9 लोगों की मौत हो गई. साथ ही इस दुर्घटना में कई लोग भी घायल हो गए. एकादशी के शुभ मौके पर हुई इस दुखद घटना ने एक बार फिर वेंकटेशवर मंदिर को चर्चा में ला दिया है. लेकिन अब हम जानेंगे कि श्रीकाकुलम का वेंकटेशवर मंदिर (Venkateswara Temple) क्यों लोकप्रिय है और यहां एकादशी पर क्यों भक्तों की भीड़ इकट्ठी होती है?
क्या है मंदिर का पुराना इतिहास?
वेंकटेशवर मंदिर, आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार वेंकटेश्वर (Venkateswara Temple) को समर्पित है. मंदिर का इतिहास 9वीं शताब्दी से जुड़ा है और इसका निर्माण और नवीनीकरण चोल, पल्लव और विजयनगर साम्राज्यों जैसे कई राजवंशों ने करवाया था. यहां पर कार्तिक मास में लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं.
वहीं, मंदिर की प्रचलित कहानी की बात करें तो नारायणदासु नामक एक भक्त ने सपने में मंदिर पर पहाड़ बना देखा था. इसलिए उसने इस मंदिर की नींव रखी.
क्यों हैं मंदिर फेमस?
बता दें कि, 1 नवंबर, शनिवार 2025 को कार्तिक मास की एकादशी है. ये दिन हिंदू धर्म में इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि, आज ही के दिन से शुभ कार्यों की शुरूआत होती है. जिसे देवउठनी भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के बाद से ही शादी, ब्याह का मुहूर्त निकलता है. इसलिए कार्तिक मास में वेंकटेशवर मंदिर (Venkateswara Temple) में लाखों की संख्या में भक्त आते हैं.
कैसे मची भगदड़?
देवउठनी के शुभ मौके पर वेंकटेशवर मंदिर (Venkateswara Temple) में सुबह से ही भीड़ लगी हुई थी. जिसकी वजह से मंदिर के एंट्री पॉइंट पर बहुत ज्यादा लोगों बिखेरे पड़े थे. एक-दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में धक्का-मुक्की हो गई जो देखते ही देखते भगदड़ में बदल गई. खबर लिखे जाने तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और कई जख्मी हैं. फिलहाल, मंदिर में पुलिस बल तैनात है और राहत-बचाव का काम चल रहा है. वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शोक प्रकट करते हुए सभी का इलाज करने की घोषणा की है.
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