जैसे-जैसे कोरोना महामारी प्रदेश में अपना विकराल रूप दिखा रही है, वैसे-वैसे न केवल चिकित्सा क्षेत्र बल्कि पुलिस विभाग, नगर निगम, जिला प्रशासन समेत अन्य सरकारी व गैर सरकारी संगठनों में कार्यरत कर्मचारियों को बड़ी संख्या में कोरोना अपनी चपेट में ले चुका है। चूंकि चिकित्सा क्षेत्र और पुलिस विभाग के लोग सीधे-सीधे कोरोना मरीजों के संपर्क में आते हैं. इसलिए बड़ी संख्या में चिकित्सकों व हॉस्पिटल स्टॉफ की भी मृत्यु कोरोना संक्रमण के चलते सामने आ चुकी है।
जैसा कि विदित है कि कोरोना महामारी के भारत में आने के बाद ही पीएम मोदी ने इन सभी क्षेत्रों से जुड़े लोगों को कोरोना योद्धा की श्रेणी में रखा था और उन्हें पूरा मान सम्मान खुद देने के साथ ही जनता से भी अपील की थी। इस क्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को ट्विट करते हुए प्रदेश सरकार से कोरोना योद्धाओं का जीवन दांव पर लगने पर उनके परिवार को एक करोड़ की आर्थिक मदद और नौकरी दिए जाने की पुरजोर मांग की है।
अखिलेश यादव ने ट्वीट के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि कोरोना से लोगों का जीवन बचाने में कार्यरत किसी भी कोरोना योद्धा का जीवन दांव पर लगने पर प्रदेश सरकार उनके परिजनों को एक करोड़ की राशि व एक नौकरी दिए जाने की नीतिगत घोषणा तत्काल करे। अखिलेश ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी कोरोना योद्धाओं की अथक सेवा के को नमन करती है।
सूबे में अब तक बड़ी संख्या में कोरोना योद्धा खो चुके हैं अपना जीवन
जब से कोरोना संक्रमण उत्तर प्रदेश में बढ़ा है। तब से लेकर बहुत से लोगों को कोरोना अपना शिकार बना चुका है। सूबे में अब तक के सर्वाधिक केस 16 जुलाई को सामने आए। जिसमें 2083 लोग संक्रमित हुए। अगर बात करें, कोरोना का शिकार हुए कोरोना योद्धाओं की तो इसकी एक लंबी लिस्ट है।
हाल ही की बात करें तो 15 जुलाई को लखनऊ के डफरिन हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अजीजुद्दीन का निधन कोरोना संक्रमित होने के चलते हुआ। ड्यूटी के दौरान कोरोना ने उनको अपने चपेट में लिया था। गत 14 दिन से वह इससे लड़ते हुए अपनी जिंदगी से हार गए उनकी उम्र 40 वर्ष थी।
हरदोई में तैनात डिप्टी एसपी नागेश मिश्रा की कोरोना संक्रमण के कारण गत सप्ताह पीजीआइ में मृत्यु हो गई थी। इसी तरह अनगिनत कोरोना योद्धा समाज की सुरक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त चुके हैं।