10 दिन पहले जबरन ब्याह कर ससुराल लाई गयी लड़की कैसे बन सकती है इतने बड़े कांड का हिस्सा? मायावती ने की जांच की मांग

ससुराल आने के बाद तो महीनो लग जाते हैं एक लड़की को सब कुछ समझने में और फिर अगर शादी किसी अपराधी टाइप लड़के ने लड़की वालों पर दबाव बना कर किया हो तो लड़की को उसका होने वाला पति अपनी गतिविधियों की जानकारी फिलहाल 10 दिन में तो नहीं दे देगा. तो फिर वो नवविवाहिता कैसे किसी बड़े षड़यंत्र का हिस्सा हो सकती है, जिसकी शादी मात्र 10-12 दिन पहले हुई हो.

10 दिन पहले जबरन ब्याह कर ससुराल लाई गयी लड़की कैसे बन सकती है इतने बड़े कांड का हिस्सा? मायावती ने की जांच की मांग

ये सवाल हम नहीं हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित महासचिव प्रभा शंकर मिश्रा ने 9 जुलाई को उच्च न्यायालय इलाहाबाद मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में उठाया है. उन्होंने पत्र लिखते हुए विकास दुबे मामले पर मुख्य न्यायाधीश से स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया था.

पत्र में उन्होंने कानपुर एनकाउंटर के संबंध में कई सवाल उठाते हुए लिखा है कि अमर दुबे जो कि जिला हमीरपुर में पुलिस द्वारा पकड़ा गया और मुठभेड़ दिखाकर उसका एनकाउंटर कर दिया गया,  और बताया गया कि यह विकास दुबे से संबंधित है.

उसकी शादी 29 जून 2020 को हुई थी. जिसकी नवविवाहिता को भी जेल भेज दिया गया, बिना अपराधिक इतिहास के जबकि उसकी शादी ही 10 दिन पहले हुई थी.

10 दिन पहले जबरन ब्याह कर ससुराल लाई गयी लड़की कैसे बन सकती है इतने बड़े कांड का हिस्सा? मायावती ने की जांच की मांग

इसी तरह  अन्य 50 से लेकर 100 लोगों के साथ प्रशासन द्वारा या तो निर्मम हत्या की जा रही है और जिसको मुठभेड़ बताया जा रहा है अथवा जेल भेजा जा रहा है तथा मकान से लेकर गाड़ी तक तोड़ा जा रहा है ऐसा लगता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ही नहीं है.

अतः कोर्ट से निवेदन है कि ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए स्वतः  संज्ञान लेने की कृपा करें जिससे की आम जनमानस के हृदय में न्यायालय के प्रति अगाध आस्था बनी रहे.

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सुप्रीम कोर्ट से की मांग…


तो वहीँ उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा सुप्रीमो मायावती ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद ट्वीट करते हुए कहा

” कानपुर पुलिस हत्याकांड की तथा साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दांत विकास दुबे को मध्य प्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.”

अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि

“उच्च स्तरीय जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इंसाफ मिल सके, साथ ही पुलिस व अपराधिक राजनीतिक तत्वो के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध मुक्त हो सकता है.”

ये भी पढ़े:

हिस्ट्रीशीटर विकास का अजीब शौक “जिधर से निकलता लगवा देता था पत्थर” |

केजरीवाल ने एग्जाम को लेकर पीएम मोदी से लगाई गुहार |

HRD मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा- छात्रों की सुरक्षा और करियर दोनों अहम |

अमिताभ बच्चन के बाद अब रेखा का सिक्यूरिटी गार्ड भी निकला कोरोना पॉजिटिव |

बड़ी खबर: अभिषेक भी पाए गये कोरोनावायरस से संक्रमित |

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *