यूपी के सबसे चर्चित गैंगेस्टर विकास दुबे को शुक्रवार को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। विकास ने 3 जुलाई को पुलिस दाबिश के बीच अपने साथियों के साथ मिलकर 8 पुलिसकर्मी की हत्या कर दी, जिसके बाद वो वहां से भाग निकला। जिसके बाद खुलासा हुआ कि उसे पहले से पता था कि पुलिस उसके घर दाबिश देकर उसे गिरफ्तार करने वाली है। जिसके बाद सवाल उठने लगे कि किसने ये काम किया ।
ऐसे में पुलिस विभाग के अधिकारियों और राजनेताओं के सम्बधों के बारे में चर्चा शुरू हुई। लेकिन उसकी मौत के बाद ये भी दफन हो गया।खबरों की माने तो विकास दुबे इस घटना को अंजाम देने के बाद औरैया- इटावा के रास्ते होते हुये फरीदाबाद पहुंच गया। जहां से वो मध्यप्रदेश के उज्जैन में पहुंचा और महा काल के मंदिर में खुद को अरेस्ट कराया था।
ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि बिना किसी मदद के वो कैसे उत्तर प्रदेश छोड़ दूसरे राज्य पहुंच गया, कहीं उसकी मदद खुद पुलिस ही तो नही कर रही थी। लेकिन इससे पहले राज खुलता उसका एनकाउंटर कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल—
बताया जा रहा विकास जिस वक्त भागा था उस समय उसका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे विकास भाजपा के दो विधायको का नाम ले रहा था। उसने कहा कि उन 2 नेताओं के अलावा कई अन्य स्थानीय नेता का भी इसमें हाथ था। जो कि सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इसके पहले उसके कई बिजनेसमैन के साथ फ़ोटो वायरल हुआ। जिन्हें दुबे का करीबी बताया जा रहा है। ये लोग विकास दुबे को आर्थिक रूप से भी मदद भी करते थे। फिलहाल वो सब पुलिस के कस्टडी में हैं।
चौबेपुर स्थित थाने के इंचार्ज विनय तिवारी भी विकास दुबे के ही साथ थे, पुलिस होने के बाद भी वो उसके जुर्म में उसका साथ दे रहे थे। वहीं बीकरु में शहीद हुए एसपी देवेंद्र कुमार मिश्र ने घटना से पहले ही एक पत्र लिख कर सूचना दी थी, कि विनय तिवारी किसी जुर्म में संलिप्त हैं। लेकिन उस चिट्ठी का कोई जिक्र ही नही किया गया।
फिलहाल जांच के बाद विनय कुमार और एक सब इस्पेक्टर कृष्ण कुमार शर्मा को गिरफ्तार कर पूछताछ किया जा रहा है। वहीं चौबेपुर के थाने के सभी पुलिस कर्मियों को हटा दिया गया है।